उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

हरिद्वार में साध्वी संजनानंद गिरि का भव्य पट्टाभिषेक, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर नियुक्त

हरिद्वार में साध्वी संजनानंद गिरि का भव्य तरीके से पट्टाभिषेक किया गया है. साथ ही उन्हें निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया है. साध्वी संजनानंद गिरि गुवाहटी में स्थित मां कामाख्या देवी मंदिर में रहकर सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार का कार्य करती हैं.

Sadhvi Sanjanananda Giri
साध्वी संजनानंद गिरि

By

Published : Aug 25, 2022, 7:03 PM IST

हरिद्वारःआज साध्वी संजनानंद गिरि को निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया. पंचायती निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनंद गिरि महाराज ने साध्वी का विधि विधान के साथ पट्टाभिषेक कराया. साथ ही अन्य अखाड़ों से आए संतों ने भी पट्टाभिषेक कर चादर ओढ़ाई. वहीं, नवनियुक्त महामंडलेश्वर साध्वी से अपेक्षा की गई कि वे सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार कर धर्म के उत्थान के लिए कार्य करेंगी.

बता दें कि साध्वी संजनानंद गिरि (Sadhvi Sanjana Nand Giri) अखाड़े के सचिव, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी की शिष्या हैं. साध्वी असम के गुवाहटी में स्थित मां कामाख्या देवी मंदिर (Kamakhya Devi Temple Assam) में रहकर सनातन धर्म के प्रचार प्रसार का कार्य करती हैं. उनके देशभर में अनेक स्थान पर आश्रम भी हैं. हरिद्वार में आयोजित महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संत समाज से जुड़े लोग शामिल हुए.

हरिद्वार में साध्वी संजनानंद गिरि का भव्य पट्टाभिषेक.

ये भी पढ़ेंःअखाड़े में संत बनने के लिए देना होगा इंटरव्यू, जानिए क्यों लिया गया फैसला

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज का कहना है कि निरंजनी अखाड़ा देश में सबसे बड़ा और प्राचीन अखाड़ा है. इस अखाड़े का निर्णय काफी महत्वपूर्ण होता है. आज एक श्रेष्ठ साध्वी को संन्यासिनी को रविंद्र पुरी महाराज के नेतृत्व में महामंडलेश्वर बनाया गया है. उनकी कामना है कि अखाड़े में श्रेष्ठ लोग आएं और अखाड़े की परंपरा को लेकर आगे बढ़ें. उन्होंने कहा कि साध्वी संजनानंद गिरि पर विश्वास है कि वो हमारी परंपरा को लेकर आगे बढ़ेगी और संन्यासी धर्म को निभाएंगी.

वहीं, नवनियुक्त महामंडलेश्वर साध्वी संजनानंद गिरि का कहना है कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह कितनी बड़ी जिम्मेदारी है, यह तो वक्त ही बताएगा. जो भी कार्य उन्हें दिया है, वो उसे पूरा करने की कोशिश करेंगे. सनातन धर्म के प्रचार प्रसार, गौशाला और गौ सम्मान के लिए उन्होंने काफी कार्य किए हैं. असम में संतों और महिलाओं को काफी मान सम्मान मिलता है. अगर आप गुवाहाटी के मां कामाख्या देवी के दर्शन करने जाते हैं तो वहां पर हिंदुओं और नारी शक्ति का सम्मान कैसे होता है, इससे रूबरू होंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details