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बेटियों के हक के लिए अंजू की भीष्म प्रतिज्ञा, बराबरी का 'फासला' मिटाने को हर रोज 60किमी की दौड़, 2000KM का सफर तय

उधम सिंह नगर के किच्छा की 23 वर्षीय अंजू राठौर बेटियों के हक और बराबरी के लिए दौड़ लगाकर उनके समर्थन में उतरी हैं. उत्तराखंड के सभी 13 जिलाें से होते हुए 2000 किलोमीटर का सफर तय करते हुए वह अब हरिद्वार पहुंच गई हैं.

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Published : May 13, 2023, 6:26 PM IST

बेटियों के हक और बराबरी के लिए दौड़ रही अंजू राठौर

हरिद्वार: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की बेटियों को उनका हक दिलाने के लिए बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ का नारा दिया गया, लेकिन उसके बाद भी समाज में कुछ बेटियां अभी भी अपने हक की लड़ाई लड़ रही हैं. उनका साथ देने के लिए उधम सिंह नगर के किच्छा की 23 वर्षीय अंजू राठौर अपने घर से पिछली 17 मार्च को उत्तराखंड के दौरे पर निकली हैं. वह उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में लगभग 2000 किलोमीटर के सफर को दौड़ते हुए तय कर रही हैं. उनके कोच सुजीत कुमार भी उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं.

23 साल की अंजू राठौर बेटियों के हक और उनकी बराबरी के लिए पिछले 17 मार्च से रोज 60 किलोमीटर दौड़ते हुए सभी 13 जिला होते हुए 2000 किलोमीटर का सफर तय करते हुए हरिद्वार पहुंची हैं. हरिद्वार पहुंचने पर अंजू ने बताया कि वो बेटियों के हक के लिए पूरे उत्तराखंड में दौड़ रही हैं. कई बार देखा जाता है कि बेटियों के बारे में बड़ी-बड़ी बातें तो की जाती हैं, लेकिन बेटियां अभी भी अपने हक और बराबरी के लिए संघर्ष कर रही हैं.
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ऐसे में बेटियों की आवाज बनकर समाज में उनके हक और बराबरी के लिए दौड़ रही हैं. अंजू राठौर ने 12वीं करने के बाद कंप्यूटर में डिप्लोमा किया है. समाज के लोगों द्वारा परिवार पर दवाब बनाया गया कि उनका आगे पढ़ाना ठीक नहीं है, जिसके बाद उन्होंने एथलीट बनने का प्रयास किया, लेकिन इसका भी लोगों ने विरोध किया. तब उन्होंने लड़कियों के हक के लिए 2000 किलोमीटर मैराथन दौड़ का फैसला लिया.
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