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डाम कोठी की मरम्मत बनी 'बीरबल की खिचड़ी', 180 साल पुराना है इतिहास - हरिद्वार हिंदी समाचार

वीआईपी के ठहरने की पहली पसंद मानी जाने वाली डाम कोठी के मरम्मत का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. PWD के अधिकारी का कहना है कि मरम्मत का काम अंतिम चरण में है. जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा.

Haridwar
नहीं पूरा हुआ डाम कोठी के मरम्मत का काम

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Published : Jul 12, 2021, 6:24 PM IST

Updated : Jul 12, 2021, 8:05 PM IST

हरिद्वार: जिले में वीआईपी के ठहरने वाले राज्य अतिथि गृह डाम कोठी का कई महीनों से रेनोवेशन का काम चल रहा है. 1 करोड़ 88 लाख रुपए की लागत से लोक निर्माण विभाग रेनोवेशन का कार्य करा रहा है, जो कि अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में किसी भी वीआईपी को हरिद्वार में ठहराने के लिए काफी परेशानी हो रही है.

नहीं पूरा हुआ डाम कोठी के मरम्मत का काम

बता दें कि अतिथि गृह की मरम्मत का काम कुंभ मेले के दौरान ही शुरू करा दिया गया था, जो कि आज तक पूरा नहीं हो पाया है. इसी से लोक निर्माण विभाग के सुस्त काम का अंदाजा लगाया जा सकता है. PWD के अधिकारी SK गर्ग का कहना है कि हरिद्वार डाम कोठी का कार्य कुंभ मेले के अंतर्गत स्वीकृत हुआ था, जिसकी कुल लागत 1 करोड़ 88 लाख रुपए थी. वहीं, गर्ग ने बताया कि भवन 180 साल पुराना है, जिसके कारण मरम्मत कार्य में विलंब हो रहा है.

कई कार्य ऐसे हैं जो काफी महीन हैं, जिन्हें करने में अत्यधिक समय लग रहा है. इसके अलावा कुछ कार्यों को बॉउंडेशन से दोबारा शुरू करना पड़ा है. इसलिए मरम्मत कार्य में देरी हो रही है. फिलहाल, मरम्मत कार्य अब अंतिम चरण पर है. जल्द ही डाम कोठी वीआईपी के ठहरने के लिए तैयार हो जाएगी.

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PWD के अधिकारी SK गर्ग के मुताबिक ब्रिटिश शासन काल के दौरान डाम कोठी बनवाई गई थी, जो कि हरिद्वार पहुंचने वाले वीआईपी की आज भी पहली पसंद बनी हुई है. ये कोठी करीब 180 साल पुरानी बताई जा रही है. कोठी में देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से लेकर कई विदेशी मेहमान भी ठहर चुके हैं. इसके अलावा देश और प्रदेश के विशिष्ट अतिथि अक्सर यहां आकर ठहरा करते हैं. कई आलीशान गेस्ट हाउस और होटल होने के बावजूद भी डाम कोठी ही सभी की पहली पसंद बनी हुई है.

Last Updated : Jul 12, 2021, 8:05 PM IST

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