रुड़की: पिरान कलियर की वजह से रुड़की रेलवे स्टेशन में यात्रियों का काफी दबाव रहता है. लेकिन, स्टेशन में यात्रीयों को मिलने वाली कोई भी सुविधा मौजूद नहीं है. ए श्रेणी में आने वाले इस स्टेशन में न तो यात्रियों के लिए पीने का पानी है और न ही आजतक यहां बिजली कनेक्शन ही लग पाया है. तपती गर्मी से में लोगों की प्यास बुझाने के लिए वाटर कूलर तो लगे भी हैं, लेकिन बिजली कनेक्शन न होने की वजह से ये महज शो पीस बने हुए हैं.
बूंद-बूंद को तरसते यात्री. रुड़की रेलवे स्टेशन में विश्व प्रसिद्ध पिरान कलियर की मशहूर दरगाह है. इसी के चलते देश-विदेश से रुड़की रेलवे स्टेशन में जायरीनों का आना-जाना लगा रहता है. हर साल लाखों की संख्या में आने वाले जायरीनों के अलावा आइआइटी, आर्मी स्टेशन और सीबीआरआई भी रुड़की आते जाते रहते हैं. इस वजह से यात्रियों की अच्छी-खासी भीड़ रुड़की रेलवे स्टेशन पर रहती है. बावजूद इसके ए कैटेगरी के इस रेलवे स्टेशन की चरमराई व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए विभाग की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जाता है.
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पिछले साल ही पंतजलि संस्थान ने रुड़की रेलवे स्टेशन को यात्रियों को ठंडा पानी की सुविधा देने के लिए दो वाटर कूलर दान किये थे. लेकिन, एक साल बीत जाने पर भी रेलवे विभाग इन वाटर कूलर का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है. इन्हें महज बिजली कनेक्शन की जरूरत है. यात्रियों को इतनी भीषण गर्मी में भी ठंड़ा पानी नहीं मिल रहा है. ठंडा तो छोड़िये कई बार तो विभाग की लापरवाही के चलते यात्रियों को सूखे गले ही स्टेशन में रहना पड़ता है.
परेशान यात्रियों का कहना है कि स्टेशन पर पानी की व्यवस्था न होने की वजह से वेंडरों की मनमानी झेलनी पड़ती है. ठंड़े पानी की कीमत तो वेंडर और ज्यादा वसूलते हैं. यात्रियों ने बताया कि 15 रुपये की पानी की बोतल के उनसे 20 से 35 रुपए तक लिए जाते हैं.
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इस मामले में जब ज्वॉइन्ट मजिस्ट्रेट निकिता खंडेलवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में हाल ही में आया है. उन्होंने कहा कि अब वो जल्द मुरादाबाद मंडल के रेलवे विभाग के डीआरएम को पत्र लिखकर व्यवस्थाओं और वाटर कूलरों को सुचारू करने को कहा जाएगा.