हरिद्वार: 22 जनवरी का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार इंतजार है, क्योंकि इस दिन अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. जो सपना साधु-संतों और विश्व हिंदू परिषद द्वारा देखा गया था, वह अब साकार होने जा रहा है. इसी बीच निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने राम मंदिर आंदोलन को लेकर पुरानी यादें साझा की है. महंत रवींद्र पुरी ने बताया राम मंदिर आंदोलन के दौरान साधु संतों ने पुलिस की लाठियां सही. इसके बाद भी उन्होंने कभी भी राम के काम से कदम पीछे नहीं खींचे.
वो समय याद करके खड़े हो जाते हैं रोंगटे:राम मंदिर बनने की खुशी और राम मंदिर से जुड़ी बातों को साझा करते हुए महंत रविंद्र पुरी ने बताया उस समय की सरकार ने वहां पर लाठी चार्ज किया. जिसमें उन्होंने साधु-संतों तक को नहीं छोड़ा. ऐसे में वो जब भी उन दिनों को याद करते हैं, तो सहम जाते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पीछे पीएसी और पुलिस को इस कदर लगा रखा था जैसे कि हम उग्रवादी हो.
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कैसेट्स से भिजवाए जाते थे भाषण:महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि उस समय हमारी टीम की लीडर साध्वी ऋतंभरा हुआ करती थी. उनके भाषणों को कैसेटों के माध्यम से टेप में सुना करते थे और वह जिस तरह से भाषण दिया करती थी, उससे एक अलग ही ऊर्जा हमारे साधु-संतों में उत्पन्न होती थी. उन्होंने कहा कि वह कहा करती थी कि जागो सनातनियों जागो मंदिर वहीं बनाएंगे, जहां रामलला जन्मे थे.
अशोक सिंघल किया करते थे अखाड़े में मीटिंग:महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि उस समय मुख्य भूमिका में अशोक सिंगल थे. वह सभी अखाड़ों और साधु संतों से लगातार बातचीत किया करते थे और हमारे निरंजनी अखाड़े में भी कई मीटिंग अशोक सिंघल द्वारा की गई. उन्होंने कहा कि मीटिंग का स्थल हर बार अलग अखाड़ा रखा जाता था, ताकि ज्यादा से ज्यादा संत जुड़े और इस आंदोलन में और जान आए.