लक्सर: बसेड़ी खादर गांव निवासी रतन लाल 26 सालों से कौमी एकता की मिसाल कायम कर रहे हैं. रतन लाल रमजान के पाक महीने में सारे रोजे रखते हैं और ईद का त्यौहार भी मनाते हैं. वहीं कौमी एकता की मिसाल देने वाले रतन लाल की हर तरफ तारीफ हो रही है.
रमजान में आपसी एकता और भाईचारे का संदेश दे रहे रतन लाल, 26 सालों से रख रहे रोजा - रमजान के महीने में रोजे
लक्सर में बसेड़ी खादर गांव के रतन लाल पिछले 26 सालों से रोजा रख रहे हैं. वहीं रतन लाल आपसी सौहार्द के साथ ही भाई चारे का संदेश भी दे रहे हैं. जिससे दोनों धर्म के लोग उनका काफी सम्मान करते हैं.
गौरतलब है कि हिंदू परिवार में जन्मे रतन लाल कई सालों से मेन बाजार में कपड़ों की दुकान चलाते हैं. रतन लाल पिछले 26 सालों से रमजान महीने के सारे रोजे रखते हैं. पूरा दिन भूखा प्यासा रहकर शाम को तय समय पर रोजा खोलते हैं. रतन लाल बताते हैं कि देशभर में जाति धर्म को लेकर चाहे कुछ भी चल रहा हो, लेकिन उनके क्षेत्र के लोगों में कभी भेदभाव या फिर मनमुटाव तक नहीं हुआ. हालांकि 26 साल पहले उन्होंने रोजे रखने की शुरूआत की थी, तब उनके परिजनों ने थोड़ी नाराजगी जरूर दिखाई थी. मगर इसके बाद ऐसा कुछ नहीं हुआ.
पढ़ें-हल्द्वानी जेल में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल, मुसलमान कैदी ने रखा नवरात्रि का व्रत तो हिंदू कैदियों ने रखे रोजा
वो इसी तरह रमजान के महीने में रोजे रखते हैं और नवरात्रि और जन्माष्टमी पर्व में व्रत रखते हैं. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय हिंदू संगठन अजय वर्मा ने कहा कि रतन लाल मानवता के आधार पर रोजा रखते हैं. यह कहा जा सकता है कि उनकी स्वेच्छा है और सामाजिक सौहार्द बनाने के लिए रतन लाल को सम्मानित किया जाना चाहिए. वहीं स्थानीय नफीस खान का कहना है कि गैर मुस्लिम होते हुए भी 26 साल से रतन लाल रोजे रखते हैं. मेरी जानकारी में यह आया है कि कि उन्होंने अपनी बेटी के लिए कोई मन्नत मांगी थी जो पूरी हो गई. तब से वह लगातार रोजे रख रहे हैं. सभी मुस्लिम समाज के लोग उनकी काफी इज्जत करते हैं.