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अब रेडियो कॉलर से होगी हाथियों की निगरानी, 2021 के महाकुंभ को देखते हुए उठाया गया कदम

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Published : Nov 4, 2019, 11:18 PM IST

डब्ल्यूआइआइ ने हरिद्वार में कुंभ के मद्देनजर हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाने की अनुमति मांगी थी. जिसकी मंजूरी मिल गई है.

हाथियों पर रेडियो कॉलर से निगरानी

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में हाथियों के आक्रामक व्यवहार ने वन महकमे की नाक में दम कर दिया है. आगामी 2021 में हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन होना है. ऐसे में अगर हाथियों का उत्पात जारी रहा तो जिला प्रशासन को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसीलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए अब गजराज पर रेडियो कॉलर लगाकर निगरानी करने की योजना बनाई गई है.

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्यूआइआइ) के कुंभ के परिप्रेक्ष्य (हरिद्वार क्षेत्र) में हाथियों की रेडियो कॉलरिंग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. वन विभाग और संस्थान की टीम संयुक्त रूप से यह कार्य करेंगे. योजना के अंतर्गत हाथियों पर लगाए गए रेडियो कॉलर से यह पता चलता रहेगा कि हाथी किस दिशा में मूवमेंट कर रहे हैं. जिससे उनके आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के मद्देनजर व्यवस्था की जा सके और पहले ही अलर्ट रहा जाए.

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बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हरिद्वार क्षेत्र में हाथियों के आंतक से क्षेत्रवासी त्रस्त हैं. बीते कुछ दिनों में हाथियों ने कारण कई घटनाएं घट चुकी है. ताजा मामला बीते शनिवार का है, जहां पथरी थाना क्षेत्र के पिंजनहेड़ी गांव में बिगड़ैल हाथी ने दो लोगों को मार दिया था. इससे पहले भी बीएचईएल से लगे गांवों में हाथी ने ग्रामीणों की दिन का चैन और रातों की नींद उड़ा दी थी.

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी भी मानते हैं कि हाथियों का यह आक्रामक व्यवहार चिंता का विषय है. उन्होंने बताया कि डब्ल्यूआइआइ ने हरिद्वार में कुंभ के मद्देनजर हाथियों पर रेडियो कॉलर लगाने की अनुमति मांगी थी. जिसकी मंजूरी मिल गई है.

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उन्होंने बताया कि संस्थान व वन विभाग की संयुक्त टीम हाथियों पर निगरानी के मद्देनजर रेडियो कॉलर लगाएगी. यह कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा. इसके तहत चिह्नित बिगड़ैल हाथियों के अलावा प्रमुख झुंडों के एक-एक हाथी पर रेडियो कॉलर लगाया जाएगा. इससे यह पता चल जाएगा कि हाथियों का मूवमेंट किस तरफ है. ऐसे में संबंधित क्षेत्र के लोगों को समय रहते अलर्ट करने के साथ ही हाथियों को जंगल की तरफ खदेड़ने को प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे.

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