हरिद्वारः गंगा को निर्मलता और अविरलता करने के लिए मातृ सदन में अनशन कर रही साध्वी पद्मावती को प्रशासन ने उठाकर हॉस्पिटल में भर्ती किया, प्रशासन ने देर रात यह कार्रवाई की. पिछले 47 दिनों से साध्वी पद्मावती अनशन पर बैठी थी. अनशन से जबरन उठाए जाने के दौरान साध्वी पद्मावती ने राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी हत्या कराने का प्रयास कर रही है. इस दौरान माहौल भी काफी गर्मा गया है.
साध्वी पद्मावती को जबरन अनशन से उठाया. बताया जा रहा है कि पुलिस ने यह कार्रवाई सीएमओ की ओर से जारी साध्वी के स्वास्थ्य बुलेटिन के आधार पर की. लगातार 47 दिनों से अनशन के कारण साध्वी पद्मावती का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था. गौर हो कि प्रशासन की टीम साध्वी पद्मावती से अनशन खत्म करने की अपील कर रही थी, मगर साध्वी पद्मावती द्वारा अनशन न त्यागने के बाद जिला प्रशासन ने जबरन साध्वी पद्मावती को अनशन से उठाया.
कुछ दिनों पूर्व बिहार के सीएम नितीश कुमार ने जल संसाधन मंत्री संजय झा और सांसद कौशलेंद्र कुमार को हरिद्वार भेजा था. साथ ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश लेकर यूपी के अधिकारी भी हरिद्वार पहुंचे थे, लेकिन साध्वी ने अनशन खत्म करने से इंकार कर दिया था. स्वास्थ्य विभाग की टीम साध्वी पद्मावती के स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए थी.
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आखिरकार उनके स्वास्थ्य में गिरावट को देखते हुए एसडीएम के नेतृत्व में पुलिस टीम मातृ सदन पहुंची और साध्वी को जबरन उठाकर दून अस्पताल में भर्ती करा कराया गया. गंगा की अविरलता और स्वामी सानंद की मांगों समेत 6 मांगों को लेकर नालंदा बिहार की बेटी साध्वी पदमावती 47 दिन से अनशन कर रही थी. देर रात्रि उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के साथ साध्वी के कमरे का दरवाजा तोड़कर उन्हें जबरन उठाया गया और दून मेडिकल कॉलेज ले जाया गया.
साध्वी को पहले स्ट्रेचर से ले जाने का प्रयास किया मगर फिर पैदल चलते हुए एंबुलेंस तक लाया गया. इस दौरान साध्वी निरंतर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर उनकी हत्या का आरोप लगाती रही. साथ ही अपने आप को पूरी तरह से स्वस्थ्य बताते हुए अनशन से उठाने का कारण पूछती रही.
मगर प्रशासन द्वारा उनकी किसी भी बात पर गौर नहीं किया गया और उनको हॉस्पिटल में भर्ती करवाने के लिए जबरन आश्रम से उठाकर ले जाया गया. इस मामले में उपजिलाधिकारी कुसुम चौहान का कहना है कि डॉक्टरों की आज रिपोर्ट आई थी जिसके बाद यह कार्रवाई की गई.
उनकी मेडिकल कंडीशन ठीक नहीं है इसी के चलते साध्वी को अस्पताल लाया गया. सीएमओ ने बताया कि दून मेडिकल कॉलेज में उनको भर्ती किया गया. दूसरी ओर मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने जिला प्रशासन द्वारा एक साध्वी को देर रात्रि उठाये जाने को लेकर प्रश्न उठाया है, उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट जाने की घोषणा की है,
जबकि साध्वी के गुरु भाई और उनसे पूर्व 194 दिन तक अनशन कर चुके ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने साध्वी पदमावती के उठाये जाने का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने कहा कि उनके स्थान पर अब वे स्वयं अनशन करेंगे. बाद में वे अनशन पर बैठ गए. शिवानन्द सरस्वती का कहना है कि देर रात एक साध्वी को उसके घर को तोड़ा गया जो बिल्कुल गलत है.
साध्वी पदमावती को उठाये जाने से पूर्व सीएमओ के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम द्वारा मेडिकल भी किया गया जिसमें साध्वी के स्वास्थ्य की कंडीशन खराब बतायी गयी थी. इसी के आधार पर उपजिलाधिकारी द्वारा साध्वी को तत्काल अपना अनशन खत्म करने का नोटिस दिया गया मगर साध्वी पद्मावती द्वारा अनशन न समाप्त करने की बात कही.
बाद में प्रशासन द्वारा साध्वी पद्मावती को जबरन उठाकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया मगर उसके बाद भी मातृ सदन में उनके गुरु भाई आत्मबोधनांद अनशन पर बैठ गए हैं और अब मातृ सदन इस मामले में हाईकोर्ट जाने की बात कर रहा है.