हरिद्वार: श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा और किन्नर अखाड़े की धर्मध्वजा पूरे वैदिक मंत्रोचार के साथ बुधवार शाम निर्धारित मुहूर्त में गंगा किनारे बिड़ला घाट पर स्थापित की गई. 52 हाथ लंबी धर्मध्वजा की लकड़ी पर 29 हाथ का गेरुआ ध्वज स्थापित किया गया. अब 24 घंटे इस ध्वज की रक्षा में नागा सन्यासियों के साथ अखाड़े के कोतवाल तैनात रहेंगे. अखाड़े की पेशवाई पूरे राजसी वैभव के साथ पांडेवाला ज्वालापुर से नगर भ्रमण पर निकलेगी, जिसके बाद जूना अखाड़ा छावनी में प्रवेश होगा.
नगर प्रवेश से पहले अखाड़ों में धर्म ध्वजा स्थापित करने का प्रावधान है. सबसे पहले श्री दशनाम जूना अखाड़े और किन्नर अखाड़े ने अपनी धर्म ध्वजा स्थापित की उसके बाद अग्नि अखाड़े ने धर्म ध्वज में 52 ब्रह्म गांठ लगाई गई है, जो 52 मणियों की प्रतीक है. धर्मध्वजा की स्थापना के साथ ही इन अखाडों में भी कुंभ की शुरुआत हो गई. नियमित रूप से सुबह और शाम को इस धर्मध्वजा की विधिविधान से पूजा की जाएगी. दोनों समय ब्राह्मण इस धर्म ध्वजा का पूजन करने के साथ पाठ भी करेंगे. बैंड बाजों के साथ अखाड़े के महामंडलेश्वर और संत नगर भ्रमण के बाद छावनी में प्रवेश करेंगे जिसकी अगुवाई अखाडे़ के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी करेंगे. इस बार की पेशवाई के लिए विशेष रुप से कई बैंड और ढोल बाजे बुलाए गए हैं.
जूना अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण गिरि ने बताया कि धर्मध्वजा की स्थापना के साथ कुंभ मेले की शुरुआत हो गयी है, कल पूरे राजसी वैभव के साथ जूना, अग्नि और किन्नर अखाड़े की पेशवाई नगर भ्रमण पर निकलेगी. आज से धर्म ध्वज की सेवा में नागा संन्यासी रहेंगे. इस आयोजन के बाद ही संतों का स्थायी निवास बनेगा और तमाम धार्मिक कर्मकांड शुरू हो जाएंगे.