हरिद्वार:इस सत्र में शराब बिक्री के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वो हैरान करने वाले हैं. प्रदेश के जनपदों में लोग करोड़ों रुपए की शराब गटक गए. वैसे सत्र पूरे होने में दो महीने का वक्त शेष बचा है, लेकिन अभी तक जो बिक्री हुई है वो बंपर है. जबकि प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व शराब से ही मिलता है. हर साल शराब से सरकार के राजस्व में इजाफा हो रहा है.
Wine Sale: हरिद्वार के लोगों ने सरकार के निर्धारित लक्ष्य को छोड़ा पीछे, गटक गए 327 करोड़ की शराब
धर्मनगरी हरिद्वार में लोग 327 करोड़ की शराब गटक गए. हरिद्वार में हर साल शराब की बिक्री का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. जिससे सरकार के राजस्व में खासा इजाफा हो रहा है. वहीं सत्र पूरा होने में अभी दो माह का समय बचा हुआ है. ऐसे में ये आंकड़ा और बढ़ सकता है.
हरिद्वार में 327 करोड़ की शराब पी गए लोग:उत्तराखंड को अगर राजस्व देने की बात हो तो हरिद्वार किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. वहीं आबकारी विभाग ने इस सत्र के अनुसार धर्मनगरी हरिद्वार में अभी तक लोग 327 करोड़ की शराब पी गए हैं. मार्च तक इस राशि में इजाफा देखने को मिलेगा. हरिद्वार के जिला आबकारी अधिकारी प्रभा शंकर मिश्रा ने बताया कि जनवरी तक 327 करोड़ का राजस्व इस बार प्राप्त हुआ है. वहीं आबकारी विभाग की क्लोजिंग में दो माह शेष हैं. पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 321 करोड़ का राजस्व ही हरिद्वार से प्राप्त हुआ था. वहीं इस वर्ष 15 से 20 परसेंट बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही है. हरिद्वार जिले की बात करें तो हरिद्वार जिले में कुल 130 ठेके हैं, जिसमें देश के 78 ठेके और 52 ठेके इंग्लिश वाइन शॉप के हैं.
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शराब की बिक्री से सरकार का खजाना भरा:बता दें कि उत्तराखंड में शराब से सरकार को मोटा राजस्व मिलता है. इसके लिए हर साल लक्ष्य निर्धारित किया जाता है. इस बार हरिद्वार से 348 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिससे ज्यादा ही होने को संभावना बन रही है. आबकारी विभाग की हर साल ना केवल आमदनी में इजाफा हो रहा है, बल्कि प्रदेश सरकार के खजाने में भी शराब बेचकर खूब पैसा जमा हो रहा है.