हरिद्वार:धर्मनगरी में लाखों श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन, स्नान और पितरों के अस्थि विसर्जन कार्य के लिए दूर-दूर से आते हैं. ऐसे में हरिद्वार में यात्रियों को सेवा देना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है. लेकिन इन दिनों यात्रियों को तो छोड़िये स्थानीय लोगों को ही मुख्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं. इस मुख्य सेवाओं में से एक है एटीएम सेवा, जिसका मतलब होता है 'ऑटोमेटिक टेलर मशीन' जिसे हिंदी में स्वचालित मुद्रा वितरण यंत्र कहते हैं'. लेकिन हरिद्वार में इन दिनों एटीएम का मतलब 'एनी टाइम मुश्किल' हो गया है. मतलब शाम 9 बजे के बाद हरिद्वार के मुख्य चौक-चौराहे के एटीएम के दरवाजे दुकानों की तरफ बंद हो जाते हैं.
हरिद्वार आएं तो जेब में लाएं पैसे !
दिल्ली मुंबई सहित तमाम धार्मिक स्थानों के साथ-साथ हरिद्वार भी एक ऐसा शहर है जिसके बारे में कहा जाता है की ये शहर सोता नहीं है. मतलब बाहर से आने वाले पर्यटक हों या गंगा स्नान, अस्थि विसर्जन करने वाले भक्त सबका यहां आना रात-दिन लगा रहता है. लेकिन सोचिये कि अगर आप स्थानीय निवासी हैं तो हो सकता है कि आप इधर-उधर से पैसों का बंदोबस्त कर लें. लेकिन कोई इंसान रात को 9 बजे के बाद हरिद्वार पहुंचे वो भी ये सोच कर कि एटीएम से पैसे निकाल लेंगे. लेकिन सब कुछ बंद मिले तो भला वो क्या करेगा.
इसका कारण ये है कि शहर के मुख्य बाजार के विभिन्न चौराहों पर लगे अधितकर एटीएम खराब हैं. किसी में पैसा नहीं है तो किसी में टेक्निकल समस्या है. शहर के लोग इसी समस्या से दो-चार हो रहे हैं. बैंक एटीएम की हालत इतनी खराब हो रखी है कि कभी इनमें सरवर लो मिलता है या फिर इनके ऊपर 'नो कैश' का बोर्ड लगा मिला है. इतना ही नहीं, आजकल इन बैंक के एटीएम ने एक नया रूटीन बना लिया है, ये केवल सुबह 8 से रात 8 बजे तक ही खोले जा रहे हैं. ये उस शहर का हाल है जहां एक महीने बाद महाकुंभ जैसा आयोजन होना है.
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एटीएम का मकसद ही आपातकालीन स्थिति में बैंक सेवा लोगों तक पहुंचाना है. एटीएम शहर-चौराहों पर लगाए ही इसलिये जाते हैं कि लोग अपनी सुविधानुसार या आपात स्थिति में पैसे निकाल सकें. लेकिन हरिद्वार में बैंक एटीएम से लोग काफी परेशान हैं.