हरिद्वार : श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा में चार कुंभ मेलों में आकर्षण का केंद्र रही हथिनी पवनकली की मौत के बाद उसकी आज षोडशी कराई गयी. जिसमें हथिनी पवनकली को शोकसभा कर साधु-संतों ने श्रद्धांजलि दी और साथ ही भंडारे का आयोजन भी गई. हरिद्वार में निर्मल पंचायती अखाड़े की बुजुर्ग हथिनी की पिछले दिनों बीमारी के चलते मौत हो गई थी. पवनकली की मौत के बाद उसके मृतकर्म संस्कार ठीक उसी तरह से किए गए जैसे किसी साध्वी की मौत के बाद किए जाते हैं.
निर्मल पंचायती अखाड़े के श्री महंत का कहना है कि पवनकली अखाड़े के लिए केवल एक हथिनी नहीं थी बल्कि वह अखाड़े की साध्वी थी. अखाड़े ने हमेशा ही उसे एक साध्वी की तरह रखा और साध्वी की तरह ही उसको अखाड़े में हमेशा सम्मान दिया गया. इसीलिए पवनकली की मौत के बाद एक साध्वी की तरह उसके सभी मृतकर्म संस्कार किए गए. पवनकली कुंभ मेलों में आकर्षण का केंद्र रही है.