हरिद्वारः आज पतंजलि योगपीठ के 26 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में पतंजलि योगपीठ फेस टू में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. कार्यक्रम में बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण सहित पतंजलि योगपीठ के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे. इस अवसर पर बाबा रामदेव ने कहा कि शून्य से हमारी यह यात्रा शुरू हुई थी और 26 वर्षों में योग, आयुर्वेद और स्वदेशी का जन आंदोलन पतंजलि योगपीठ बना है. वहीं बाबा रामदेव ने कहा कि कई क्षेत्रों में पतंजलि योगपीठ और बड़े कार्य करने जा रहा है.
बता दें कि पतंजलि योगपीठ के 26 वर्ष पूरे होने पर आज पतंजलि योगपीठ फेस टू में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस दौरान बाबा रामदेव ने पतंजलि योगपीठ की उपलब्धियां गिनाईं और कई बड़ी घोषणाएं भी की. वहीं बाबा रामदेव ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की प्रेरणा भी पतंजलि योगपीठ बना है और वोकल फॉर लोकल का सबसे बड़ा रोल मॉडल है तो वह पतंजलि योगपीठ है. अब योग, आयुर्वेद और स्वदेशी की क्रांति के बाद भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से शिक्षा क्रांति का एक नया शंखनाद पतंजलि की तरफ से होगा. सन् 1835 में मेघालय इंडियन एजुकेशन एक्ट बना करके अध्यात्म पर आधारित हमारी शिक्षा पद्धति को खत्म किया था. विदेशी शिक्षा से, विदेशी चिकित्सा से, विदेशी संस्कृति से और विदेशी उपनिवेशवाद से भारत को मुक्ति दिलानी है. यह 26 वर्ष पूरे होने पर हमारा संकल्प है.
बाबा रामदेव का कहना है कि हम कई और क्षेत्रों में बड़ा कार्य करने वाले हैं. कृषि के क्षेत्र में तेल उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर हो और मलेशिया, इंडोनेशिया की निर्भरता खत्म हो क्योंकि अभी दो लाख करोड़ और आने वाले समय में ढाई लाख करोड़ हमारे देश का पैसा इंडोनेशिया, मलेशिया जाने से बचे. इसके लिए ऑयल पम्प प्लांटेशन और अलग-अलग प्रकार के सरसों से लेकर कई प्रकार के तेलों का भारत में पूरा उत्पादन हो, इस दिशा में पतंजलि बड़ा कार्य करने वाला है. इसके साथ ही दो ढाई लाख करोड़ की विदेशी मुद्रा बचत करने में पतंजलि बड़ी भूमिका निभाएगा.