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पद्मिनी एकादशी: श्रद्धालु आस्था के संगम में लगा रहे डुबकी, ये है खास महत्व

धर्म नगरी हरिद्वार में पद्मिनी एकादशी धूमधाम से मनाई जा रही है. मान्यता है कि आज के दिन का विशेष महत्व है.

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पंडित देवेंद्र कृष्ण आचार्य

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Published : Sep 27, 2020, 8:12 AM IST

Updated : Sep 27, 2020, 9:00 AM IST

हरिद्वार: आज पद्ममिनि एकादशी है, जिसे पुरुषोत्तम या अधिक मास भी कहते हैं. इसदिन का अपना एक विशेष महत्व है और इस महीने में भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. वहीं हरिद्वार में भी श्रद्धालुओं में पद्ममिनि एकादशी को लेकर खास उत्साह देखा जा रहा है. पंडित देवेंद्र कृष्ण आचार्य का कहना है कि आज के दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान नारायण की पूजा-अर्चना कर अर्घ देना चाहिए और उनके निमित्त उनका ध्यान और दान करना चाहिए. जो काफी फलदायी माना जाता है. इस व्रत को करने वाला हर प्रकार के दुखों से छूट जाता है और अंत में उसे बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है.

पंडित देवेंद्र कृष्ण आचार्य

पंडित देवेंद्र कृष्ण आचार्य ने बताया कि आज के दिन अगर घर में मालपुआ कांसे के पात्र में रखकर उसमें लाल कलावा लपेट कर दान करें, इससे भगवान प्रसन्न होते हैं. कहा जाता है जो भी पद्ममिनि एकादशी का व्रत करता है उसके घर में स्वयं लक्ष्मी का वास होता है और हमेशा घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. यह एक विशेष एकादशी है क्योंकि अधिक मास भगवान का प्रिय महीना है. इसलिए इस दिन को भगवान नारायण का प्रिय एकादशी का दिन भी माना जाता है. भगवान को प्रसन्न करने के लिए लोगों को ये व्रत अवश्य रखना चाहिए.

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उन्होंने बताया कि एक समय शिव शर्मा नाम के एक ब्राह्मण थे, जिनके 5 पुत्र थे. उन पांचों पुत्रों में सबसे छोटा पुत्र जिसका नाम जया शर्मा था. वह बुरे आचरण का था. देव योग से वो प्रयाग में जा पहुंचा. वहां उसने त्रिवेंणी में स्नान किया. इसके बाद वो एक मुनि के आश्रम गया जहां लोग एकत्रित होकर पद्ममिनी एकादशी पर मोक्ष और पुण्य प्राप्ति की कथा सुन रहे थे. ये कथा जय शर्मा ने भी सुनी. रात्रि काल में माता लक्ष्मी उसके पास आईं और उससे कहने लगी कि मैं तुम पर प्रसन्न हूं और प्रभु की आज्ञा से तुम्हें वरदान देने आई हूं.

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तब देवी लक्ष्मी ने पद्ममिनी एकादशी की महिमा को पुण्य के बारे में जय शर्मा को बताया और उसको वरदान देकर धनवान बना कर चली गईं. आचार्य देवेंद्र कृष्ण का कहना है कि ये एकादशी पापों को दूर करने और मोक्ष देने वाली है. इस पद्ममिनी एकादशी का व्रत जो भी रखेगा उससे देवी लक्ष्मी सदा प्रसन्न रहेंगी और वो सीधे बैकुंठ को प्राप्त होगा. इसका वर्णन पद्म पुराण में भी मिलता है.

Last Updated : Sep 27, 2020, 9:00 AM IST

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