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ज्वालापुर विधायक और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के बीच चल रहा कोल्ड वॉर समाप्त

ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के बीच चल रहा विवाद समाप्ति की ओर है. इस मामले में दोनों ने एक दूसरे के प्रति नरम रुख अख्तियार किया है. अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक रवि बहादुर को अपना छोटा भाई बताया है

Haridwar
ज्वालापुर विधायक और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के बीच चल रहा कोल्ड वॉर समाप्त

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Published : May 13, 2023, 6:59 PM IST

ज्वालापुर विधायक और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के बीच चल रहा कोल्ड वॉर समाप्त

हरिद्वार: अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई पर छिड़ी ज्वालापुर के विधायक रवि बहादुर और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी की कोल्ड वार कब समाप्त होती नजर आ रही है. एक ओर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक रवि बहादुर को अपना छोटा भाई बताया है, तो, वहीं रवि बहादुर ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी को पूजनीय माना है. उन्होंने कहा कि मेरा कोई भी विवाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी से नहीं है.

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने रवि बहादुर को अपना छोटा भाई बताया. उन्होंने कहा हमारा कोई भी विवाद रवि बहादुर से नहीं है, लेकिन, उनके द्वारा जो टिप्पणी की गई थी वह गलत थी. जिसका हमने विरोध किया है. उन्होंने कहा कुछ अराजक तत्व इस मौके का लाभ उठाकर हम दोनों के बीच गलतफहमियां पैदा कर रहे थे, लेकिन, हम एक ही धर्म से जुड़े लोग हैं. इन अफवाह और छोटी-छोटी बातों पर आपस में विवाद नहीं करते हैं.

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वहीं, ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर ने भी अखाड़ा परिषद अध्यक्ष को पूजनीय संत मानते हुए कहा कि मेरे द्वारा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी पर कोई भी टिप्पणी नहीं की गई. एक विषय पर हमारी सोच अलग हुई है. प्रशासन द्वारा किए जा रहे गलत कार्य का अखाड़ा परिषद ने समर्थन किया, जो, कि गलत है. संतों का कार्य हमें सही दिशा दिखाना है, इसलिए हम पूजनीय संतों को भगवान का दर्जा देते हैं. इसी के साथ रवि बादुर ने कहा मेरा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी के साथ कोई भी विवाद नहीं है.

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दरअसल, हरिद्वार में प्रशासन द्वारा की जा रही अवैध धार्मिक अतिक्रमण की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस के विधायक जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे. जिला अधिकारी और कांग्रेस के विधायकों के बीच किसी बात को लेकर नोकझोंक हो गई. इसके बाद कांग्रेस विधायक रवि बहादुर ने अपने बयान में मजार को समाधि बता दिया. जिसका विरोध रविंद्र पुरी ने और अन्य संतों ने किया. जिसके बाद यह विवाद तूल पकड़ता गया. तब अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी और कांग्रेस विधायक रवि बहादुर के बीच विवाद शुरू हुआ. जिसके बाद कांग्रेस समर्थकों ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्रपुरी के खिलाफ ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने की तहरीर भी दी थी.

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