हरिद्वारःधर्मनगरी हरिद्वार महाकुंभ के रंग में सराबोर है. 14 अप्रैल मेष संक्रांति पर्व पर महाकुंभ के तीसरा शाही स्नान को हरिद्वार में पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया. हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगा घाटों पर सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. शाही स्नान होने के कारण हरकी पैड़ी आम श्रद्धालु के स्नान के लिए सुबह 8 बजे तक ही खुली रहेगी. जिसके बाद विभिन्न संतों के अखाड़े शाही स्नान में आएंगे. जब तक सभी 13 अखाड़ों ने हरकी पैड़ी पर स्नान नहीं किया तबतक हरकी पैड़ी आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रही.
दरअसल, बैसाखी के अवसर पर गेहूं की फसल तैयार हो जाती है और इस दिन से फसल कटनी शुरू हो जाती है. इसी दिन खालसा पंथ की स्थापना भी की गई थी. यही वजह है कि यह त्योहार पंजाबी समुदाय में खासे धूमधाम से मनाया जाता है. बैसाखी पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है. स्नान का महत्व होने से हरिद्वार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और गंगा में स्नान कर दान, भंडारा आदि करते हैं. इस साल बैसाखी स्नान कुंभ के मौके पर पड़ा है. ऐसे में श्रद्धालु पुण्य कमाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. देश भर से आए श्रद्धालु कुंभ पर्व पर गंगा में स्नान कर मां गंगा से आराधना कर रहे हैं कि उनका जीवन शांतिपूर्वक बीते और ईश्वर की कृपा उन पर बनी रहे.
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पंडित मनोज शास्त्री ने बताया कि आज कुंभ स्नान का विशेष योग है. हरकी पैड़ी या गंगा के किसी अन्य गंगा घाट पर किया गया स्नान कई सौ गुना फल देने वाला है. बैसाखी का पर्व यानि गंगा स्नान कर पुण्य कमाने का मौका और उस पर कुंभ पर्व खास है. आज के दिन गंगा में स्नान करने के लिए गंगा तटों पर लोगों की भारी भीड़ जुटी है. हरिद्वार में भी आज तड़के से ही गंगा स्नान करने के लिए हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी.
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