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कोरोना काल में फ्रंटफुट पर काम करने वाले अधिकारियों को किया सम्मानित - हरिद्वार में अधिकारियों को किया गया सम्मानित

कैबिनेट मंत्री और हरिद्वार के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों की टीम को अच्छे काम के लिए न केवल सम्मानित किया, बल्कि उनकी पीठ भी थपथपाई. हरिद्वार जैसे धार्मिक शहर में जो लोग देश विदेश से आकर फंस गए थे, उनके फीडबैक के आधार पर राज्य सरकार ने जिला प्रशासन की रिपोर्ट तैयार की. जिसके बाद तमाम अधिकारियों को सम्मानित किया गया.

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Published : Nov 27, 2020, 2:47 PM IST

हरिद्वार: उत्तराखंड में कोरोना का ग्राफ बढ़ते ही जा रहा है. कोविड-19 के दौरान वैसे तो भारत के हर राज्य में अपनी क्षमता के मुताबिक बेहद अच्छा काम किया गया, लेकिन अगर उत्तराखंड की बात करें तो हरिद्वार और देहरादून का नाम सबसे अव्वल रहा. जिसने न केवल पुलिस ने बल्कि प्रशासन ने भी कोविड-19 में अपनी अहम भूमिका निभाई है. राज्य सरकार ने शुक्रवार को हरिद्वार में उन अधिकारियों को सम्मानित किया, जिनके तत्वधान में कोविड-19 के दौरान राहत सामग्री के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाया गया.

इसमें हरिद्वार के एसएसपी सेंथिल अभुदय, रुड़की के एसपी स्वपन किशोर, हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर के साथ-साथ अप्पर मेला अधिकारी ललित नारायण मिश्रा शामिल है.

कैबिनेट मंत्री और हरिद्वार के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों की टीम को अच्छे काम के लिए न केवल सम्मानित किया, बल्कि उनकी पीठ भी थपथपाई. हरिद्वार जैसे धार्मिक शहर में जो लोग देश विदेश से आकर फंस गए थे, उनके फीडबैक के आधार पर राज्य सरकार ने जिला प्रशासन की रिपोर्ट तैयार की. जिसके बाद तमाम अधिकारियों को सम्मानित किया गया.

जिला अधिकारी को लॉकडाउन में किए कार्य के लिए सम्मानित किया गया. जिलाधिकारी सी रविशंकर ने हरिद्वार को कोरोना से कुछ समय पहले ही ज्वाइन किया था, ऐसे में उनके लिए कोरोना एक बहुत बड़ी चुनौती थी. लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए अपने विनम्र सहभाव से करोना में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया और अपने द्वारा लिए गए निर्णयों से कोरोना संक्रमण को बढ़ने से भी बचाया.

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वहीं, मेला प्रशासन ने भी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए कोरोना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए जहां एक और पुलिस प्रशासन द्वारा शहर में व्यवस्था बनाई जा रही थी. वहीं, दूसरी ओर मेला प्रशासन द्वारा शहर में फंसे लोगों को सिटी मजिस्ट्रेट और जिला पर्यटक अधिकारी के द्वारा अपने-अपने घरों में भेजे जाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे. इतना ही नहीं मेला प्रशासन द्वारा कई लोगों को राशन वितरण भी किया गया.

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