हरिद्वार: कांवड़ मेला के पहले दिन लाखों कांवड़िये हरिद्वार गंगा जल लेने पहुंचे. इस दौरान ग्रेटर नोएडा के मोनू ने हर शख्स का दिल जीत लिया. भगवान शिव के प्रति आस्था ही नहीं, बल्कि मोनू में देश की सीमाओं पर खड़े जवानों के प्रति भी जज्बा दिखा. मोनू फौजी का स्टैच्यू सिर पर रखकर हरिद्वार से गंगाजल लेकर ग्रेटर नोएडा के लिए पैदल निकल पड़ा. वहीं, मोनू के जज्बे को हर किसी ने सलाम किया.
कोरोना काल के 2 साल बाद हरिद्वार में कांवड़ मेला 14 जुलाई से शुरू हो गया. लाखों कांवड़िये पहले दिन गंगाजल लेने पहुंचे. इन्हीं कांवड़ियों के बीच मोनू ने अपनी अलग छाप छोड़ी. मोनू ग्रेटर नोएडा के गांव छपरोला का रहने वाला है. 26 वर्षीय मोनू कांवड़ के रूप में एक फौजी का स्टैच्यू लेकर पहुंचा है. हर की पैड़ी पर स्नान करने के बाद उसने स्टैच्यू को स्नान कराया. इसके बाद गंगाजल लेकर फौजी के स्टैच्यू को सिर पर रखकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गया.
Kanwar Yatra 2022: नोएडा के मोनू ने सैनिकों के सम्मान में बनाई कांवड़. ये भी पढ़ें:धर्मनगरी पहुंच रहे कांवड़ियों की मदद कर रहा महिला दल, दे रहे सेवाभाव का संदेश
कांवड़ यात्रा मार्ग पर सिर पर फौजी का स्टैच्यू लिए मोनू को देखकर हर कोई हैरान है. लोगों ने उसके जज्बे को सलाम किया. मोनू ने बताया कि स्टैच्यू को वह बस में लेकर आया था, लेकिन गंगा स्नान के बाद कांवड़ के रूप में सिर में रखकर ग्रेटर नोएडा के अपने गांव तक पैदल ही जाएगा. इस दौरान मोनू देश भक्ति के नार भी लगा रहा था. उसके नारे सुनकर वहां से गुजरने वाले दूसरे कांवड़िये भी देश और फौजियों की जयजकार करते दिखे.
मोनू ने कहा पुलवामा हमले की घटना ने उनको बहुत आहत किया. सैनिकों के सम्मान के लिए उसने श्रावण में कांवड़ के रूप में फौजी के स्टैच्यू ले जाने का प्रण किया था. प्रण पूरा करने की शुरुआत हरिद्वार से कर दी है. उसने बताया कि स्टैच्यू देखकर लोगों में भी देश और फौजी के प्रति सम्मान बढ़ेगा. उसका सपना है कि लोग फौजी को देखकर सैल्यूट करें. मोनू के साथ यश, ऋतिक और पुष्कर भी साथ हैं, जो कांवड़ लेकर चल रहे हैं. मोनू ने बताया कि 2019 में वह कांवड़ लेकर जा चुका है. कोरोनाकाल में वह दो साल नहीं आ सका.