हरिद्वार:महाकुंभ में कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े मामले में तमाम लैब संचालक चौतरफा घिरते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं, राज्य सरकार पहले से ही पुलिस और प्रशासन से इस मामले की जांच कर रही है. कुंभ मेले के दौरान कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े की जांच कर रहे एसआईटी के अधिकारी को बदला जा सकता है, क्योंकि जिस अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा गया था और अब उनका सीबीसीआईडी में तबादला हो गया है.
एसआईटी के जांच अधिकारी और शहर कोतवाल राजेश शाह का 11 अगस्त को सीबीसीआईडी में स्थानांतरण होने के बाद नए जांच अधिकारी की तैनाती की जाएगी. नए नगर कोतवाल बनाए गए इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह को एसआईटी का जांच अधिकारी बनाया जा सकता है.
तबादले के बाद SIT के नए जांच अधिकारी को मिलेगी जिम्मेदारी. इस मामले पर एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस का कहना है कि 16 अगस्त तक इंस्पेक्टर राजेश शाह मामले की जांच करेंगे. उसके बाद नए जांच अधिकारी को एसआईटी में शामिल किया जाएगा. बता दें कि लगभग 2 महीने से फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआईटी एक आरोपी को गिरफ्तार कर चुकी है, बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी लगातार छापेमारी कर रही है.
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क्या है मामला: बता दें कि कुंभ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की जांच का जिम्मा प्राइवेट लैब्स को दिया गया. जिसके बाद की गई कोरोना जांच सवालों के घेरे में आ गई है. कुंभ मेले के दौरान किए गए एक लाख कोरोना टेस्ट रिपोर्ट फर्जी मिले हैं. प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं की जांच कर कुंभ मेला प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का प्रयास किया गया है. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है.
यही नहीं, कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया है. वहीं, एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला भी सामने आया है, जो असंभव सा लगता है. सैकड़ों लोगों की रिपोर्ट में घर का एक ही पता डाला गया है. मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जांच कमेटी का गठन कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश के आदेश दिए. इसमें एक दिल्ली की लैब भी थी, लेकिन ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि दिल्ली में लैब का जो पता दिया गया था, वहां पर कोई लैब ही नहीं है.
ऐसा हुआ था खुलासा: हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक एलआईसी एजेंट (LIC Agent) के माध्यम से हुआ है. पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपिन मित्तल ने हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली. विपिन मित्तल के मुताबिक, उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था, जिसमें उन्हें बताया गया कि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
जिसे सुनते ही वे भौंचक्के रह गए क्योंकि, उन्होंने कोरोना की कोई जांच ही नहीं कराई थी. ऐसे में विपिन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए विपिन ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की.