उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

सतयुग के बाद पहली बार पितृ अमावस्या के दिन बंद होगा नारायणी शिला मंदिर, जानें वजह - Narayani Shila temple news

कोरोना संक्रमण की वजह से पहली बार नारायणी शिला मंदिर बंद किया जाएगा. पितृ अमावस्या को यहां लगने वाले मेले को भी स्थगित कर दिया गया है.

rayani Shila temple
बंद होगा नारायणी शिला मंदिर

By

Published : Sep 6, 2020, 9:17 PM IST

Updated : Sep 7, 2020, 11:26 AM IST

हरिद्वार: सतयुग काल से स्थापित धर्मनगरी हरिद्वार में नारायणी शिला मंदिर को बड़ी से बड़ी विपदा में भी बंद नहीं किया गया. मगर, कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब नारायणी शिला मंदिर को बंद किया जा रहा है. पित्र अमावस्या के दिन नारायणी शिला मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद किया जाएगा.

कोरोना संक्रमण की वजह से पहली बार नारायणी शिला मंदिर बंद किया जाएगा

दरअसल, इस दिन नारायणी शिला मंदिर में बड़े मेले का आयोजन होता है. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस दिन वे यहां अपने पितरों की मुक्ति के लिए नारायणी शिला मंदिर के दर्शन करते हैं. मगर, हरिद्वार में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए नारायणी शिला मंदिर में लगने वाले भव्य मेले को स्थगित कर दिया गया है. साथ ही इस दिन भक्त मंदिर में भगवान नारायण के दर्शन भी नहीं कर सकेंगे. मंदिर प्रबंधक द्वारा ऑनलाइन भगवान नारायण के दर्शन कराने की व्यवस्था की जा रही है.

पढ़ें- हल्द्वानी: लालकुआं से युवती का अपहरण, परिजनों ने किया हंगामा


नारायणी शिला मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज त्रिपाठी का कहना है कि सतयुग काल से नारायणी शिला स्थापित है. स्कंद पुराण में लिखा है कि हरिद्वार के पश्चिम में नारायणी नाम की शिला स्थापित है, जिसके दर्शन मात्र से ही सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इससे सिद्ध होता है कि स्कंद पुराण लिखने से पहले भी नारायणी शिला स्थापित थी.

पढ़ें:बेरोजगारों के समर्थन में उतरे हरीश रावत, घंटी बजाकर जताया विरोध

उन्होंने बताया कि ऐसा पहली हो रहा है जब ये मेला आयोजित नहीं होगा. उन्होंने बताया भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सिर्फ कुछ लोग किसी आयोजन में शामिल हो सकते हैं. मगर, पितृ अमावस्या के दिन कई हजार श्रद्धालु नारायणी शिला मंदिर में दर्शन करने आते हैं. इस कारण सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर बंद करने के साथ ही मेले को स्थगित किया गया है.

ये भी पढ़ें:पहाड़ों में वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सेवाएं, डंडी-कंडी के सहारे जीवन


पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि पितृ विसर्जन अमावस्या पर हम किसी का भी श्राद्ध कर सकते हैं. जिस पितृ के श्राद्ध के बारे में हमें मालूम न हो इस दिन वह श्राद्ध करके अपने पितरों को विदा कर सकते हैं. जिन लोगों के अपने पितरों के स्थान बने हुए हैं वह वहां पर पूजा करके उन्हें विदा करते हैं. इस बार पहली बार ऐसा हो रहा है कि पितृ अमावस्या के दिन नारायणी शिला मंदिर में अपने पितरों के निमित्त पूजा-अर्चना नहीं कर पाएंगे.

सतयुग काल से लेकर आज तक नारायणी शिला मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद नहीं किया गया है. मगर, ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि कोरोना काल में नारायणी शिला मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए पित्र अमावस्या के दिन बंद किया जाएगा.

Last Updated : Sep 7, 2020, 11:26 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details