मसूरीः लाइफ में प्यार न हो, तो जिंदगी वीरान हो जाती है. फिर चाहे वो प्यार माता-पिता का हो, भाई-बहन का हो, दोस्त का हो, या प्रेमी-प्रेमिका का. प्यार के बिना जीवन अधूरा है. आज के दौर में वैलेंटाइन-डे प्यार के दिन के रूप में मनाया जाने लगा है. हर साल 14 फरवरी को लोग वैलेंटाइन डे मनाते हैं. आजकल वैलेंटाइन वीक का भी खूब चलन है, जिसमें लोग सात दिनों तक अपने प्यार का इजहार करते हैं.
भारत में वैलेंटाइन की शुरुआत
वहीं अगर भारत में वैलेंटाइन डे कि बात करें तो इसका एक इतिहास हैं, इसकी एक कहानी है जिसकी शुरूआत मसूरी से मानी जाती है. मसूरी के मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि 'मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स' पुस्तक में लिखे पत्र से साफ हो जाता है कि देश में वैलेंटाइन की शुरूआत 1843 में हुई होगी.
वैलेंटाइन के दिन मोगर मांक ने लिखा था पत्र
उन्होंने बताया कि इंग्लैंड में जन्मे 'मोगर मॉन्क' उन दिनों मसूरी में जॉन मेकेनन के बार्लोगंज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के शिक्षक थे. इसी दौरान उन्हें 'एलिजाबेथ लुईन' नाम की लड़की से प्यार हो गया. जिसके बाद मोगर मॉन्क ने 14 फरवरी 1843 को मसूरी से एक खत अपनी बहन के नाम इंग्लैंड भेजा था. इस खत में उन्होंने अपनी बहन मारग्रेट को अपनी भावनाओं के बारे में बताया था.