उत्तराखंड

uttarakhand

आर्यन खान को लेकर साक्षी महाराज का बयान, बोले- बेटा किसी का भी हो, कार्रवाई होनी चाहिए

By

Published : Oct 30, 2021, 12:51 PM IST

Updated : Oct 30, 2021, 3:26 PM IST

बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने आर्यन खान ड्रग केस को लेकर कहा कि ऐसे मामलों को हिंदू-मुस्लिम के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. अगर गलती हुई है तो उसमें कानून अपना कार्य करेगा. साक्षी महाराज ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर भी सवाल खड़े किए हैं.

haridwar
बीजेपी सांसद साक्षी महाराज.

हरिद्वार: अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) ने आर्यन खान ड्रग मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज हरिद्वार स्थित अपने आश्रम पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड एक्टर शाहरुख के बेटे आर्यन खान के ड्रग मामले को लेकर कहा कि बेटा चाहे शाहरुख खान या किसी हिन्दू का क्यों ना हो, ऐसे मामले में कार्रवाई होनी चाहिए.

साक्षी महाराज ने कहा कि नशे ने पंजाब को बर्बाद कर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को हिंदू-मुस्लिम के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि अगर गलती हुई तो उसमें कानून अपना कार्य करेगा. इस दौरान उनकी जुबान भी फिसल गई, उन्होंने शाहरुख के बेटे की जगह सलमान का बेटा बोल दिया.

पढ़ें-अमित शाह आज पहुंचेंगे देहरादून, मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना का करेंगे शुभारंभ

उन्होंने कहा कि एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता ने तो कह दिया है कि वह दलित हैं. अगर वो हिन्दू हैं तो मुसलमान कैसे हो सकते हैं? जो तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं वे लोग इस तरह का प्रयास करते रहते हैं. साक्षी महाराज ने कहा कि पीएम मोदी ने देश में ऐतिहासिक विकास किए हैं. उनके विकास पर कोई बात नहीं कर रहा, हिन्दू- मुस्लिम करने की बात रह गयी है, जो नहीं होनी चाहिए. चर्चा करनी है तो विपक्ष को विकास पर करनी चाहिए. उन्होंने कहा है आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड और यूपी में भाजपा भारी बहुमत से सरकार बना रही है.

जानिए आर्यन खान मामले में कब क्या हुआ?

2 अक्टूबर- आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को एनसीबी ने हिरासत में लिया.

3 अक्टूबर - एनसीबी ने आर्यन खान, मर्चेंट और धमेचा को गिरफ्तार किया और उनकी हिरासत के लिए एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया. मजिस्ट्रेट ने तीनों को 4 अक्टूबर 2021 तक एनसीबी की हिरासत में भेज दिया.

4 अक्टूबर - आर्यन खान, मर्चेंट और धमेचा को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और उन्हें 7 अक्टूबर तक एनसीबी की हिरासत में भेज दिया गया. गिरफ्तार किए गए पांच अन्य लोगों को भी एनसीबी की हिरासत में भेज दिया गया.

5 अक्टूबर - एनसीबी ने मामले में चार और आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए पेश किया. सभी को 11 अक्टूबर 2021 तक एनसीबी की हिरासत में भेजा गया.

6 अक्टूबर - एनसीबी ने चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जो कथित तौर पर क्रूज पर पार्टी के आयोजन टीम का हिस्सा थे. सभी को 14 अक्टूबर 2021 तक एनसीबी की हिरासत में भेजा गया.

7 अक्टूबर - आर्यन खान, मर्चेंट और धमेचा को हिरासत के लिए पेश किया गया. हिरासत बढ़ाने की एनसीबी की याचिका खारिज कर दी गई और तीनों को पांच अन्य आरोपियों के साथ न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. खान ने जमानत के लिए अर्जी दाखिल की. मजिस्ट्रेट ने जमानत याचिका की विचारणीयता पर जवाब देने के लिए एनसीबी को समय दिया और मामले की सुनवायी 8 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया.

8 अक्टूबर- आर्यन खान को मर्चेंट के साथ मुंबई की आर्थर रोड जेल भेजा गया. मजिस्ट्रेट अदालत ने तीनों जमानत याचिकाओं को सुनवाई की. करीब पांच घंटे की लंबी सुनवाई के बाद जमानत याचिकाओं को विचारणीयता नहीं होने के चलते खारिज कर दिया गया. आर्यन खान, मर्चेंट और धमेचा ने विशेष एनडीपीएस अदालत में जमानत याचिकाएं दायर कीं.

11 अक्टूबर- एनडीपीएस अदालत में आर्यन खान की जमानत अर्जी दायर की गई. एनसीबी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, याचिका पर सुनवायी 13 अक्टूबर 2021 को करना तय किया गया.

13 अक्टूबर- विशेष न्यायाधीश वी वी पाटिल ने खान की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू की.

20 अक्टूबर- विशेष एनडीपीएस अदालत ने आर्यन खान, मर्चेंट और धमेचा की जमानत याचिकाएं खारिज की. आर्यन खान और धमेचा जमानत के लिए बम्बई हाई कोर्ट पहुंचे.

21 अक्टूबर - आर्यन खान की जमानत याचिका न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू साम्ब्रे के समक्ष दायर की गई और तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया गया. मामले पर सुनवायी 26 अक्टूबर, 2021 को करना तय किया गया.

26 अक्टूबर - बम्बई हाई कोर्ट ने जमानत याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की. मर्चेंट ने भी जमानत याचिका दायर की.

27 अक्टूबर - आर्यन खान, मर्चेंट और धमेचा के अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें पूरी कीं.

28 अक्टूबर- बम्बई हाई कोर्ट ने आर्यन खान, मर्चेंट और धमेचा को जमानत प्रदान की.

अखाड़ा परिषद विवाद पर भी बोले महाराज: वहीं, अखाड़ा परिषद को लेकर चल रहे विवाद को लेकर सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि संत बुद्धिजीवी होते हैं और उम्मीद है कि दोनों एक हो जाएंगे. अखाड़ा परिषद का चयन चारों सम्प्रदाय सन्यासी, उदासीन, निर्मल, बैरागी से होता है, जो पहले से चला आ रहा है. महानिर्वाणी के रविन्द्र पुरी अध्यक्ष बने हैं वहीं विधिमान्य हैं. संत सभी को समझाने का प्रयास करते हैं और वहीं खुद आपस में उलझे यह अच्छी बात नहीं है. उम्मीद है कि जल्द सब कुछ ठीक हो जाएगा.

Last Updated : Oct 30, 2021, 3:26 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details