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मनी लॉन्ड्रिंग मामला: विधायक उमेश कुमार ने की CBI या ED से जांच कराने की मांग - मनी लॉन्ड्रिंग मामला

विधायक उमेश कुमार ने करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग (crore money laundering) मामले में सीबीआई या ईडी से जांच की मांग की है. उमेश कुमार का कहना है कि ईओडब्ल्यू सरकार के अधीन है. ऐसे में जांच का निष्पक्ष होना संभव नहीं है. इसलिए इस मामले की जांच ईडी या सीबीआई से कराई जानी चाहिए.

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Published : Nov 4, 2022, 10:49 AM IST

Updated : Nov 4, 2022, 11:20 AM IST

रुड़की: हरिद्वार जिले के खानपुर विधायक उमेश कुमार (Khanpur MLA Umesh Kumar) ने अपने कैंप कार्यालय पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार रहे केएस पंवार के परिजनों से संबंधित सोशल म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी (Social Benefit Mutual Fund Limited Company) में 180 करोड़ (200 करोड़) की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बात की.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उमेश कुमार ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच EOW (आर्थिक अपराध शाखा) को सौंपे जाने का विरोध करते हुए कहा कि ईओडब्ल्यू सरकार के अधीन है. ऐसे में जांच का निष्पक्ष होना संभव नहीं है. इसलिए इस मामले की जांच ईडी या सीबीआई से कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वह हाईकोर्ट की शरण लेंगे.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विधायक उमेश कुमार ने की CBI या ED से जांच कराने की मांग.

ये है मामलाःपूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार रहे केएस पंवार की कंपनी में 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग (180 crore money laundering in KS Panwar company) के मामले में शासन के निर्देश पर इसकी जांच अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी है. अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन ने आर्थिक अपराध शाखा को जांच सौंपने के संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं.
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मामले को लेकर खानपुर विधायक उमेश कुमार ने सवाल खड़े किए हैं. उमेश कुमार ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के अंदर भाजपा की सरकार है और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी भाजपा से सीएम रह चुके हैं. इसलिए सरकार अपने ही पूर्व सीएम की जांच ऐसी एजेंसी से करा रही है जो सरकार के अधीन है. इसकी निष्पक्षता होना संभव नहीं है. उमेश कुमार ने साफ कहा कि इस प्रकरण की जांच या तो ईडी या सीबीआई से कराई जानी चाहिए. उमेश कुमार ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो वह हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे.

Last Updated : Nov 4, 2022, 11:20 AM IST

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