रुड़की/काशीपुर: कोरोना वायरस को लेकर देश भर में अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही सभी को सतर्कता बरतने निर्देश दिए जा रहे हैं. वहीं, रुड़की व काशीपुर में निजी अस्पतालों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंका जा रहा है. जिससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है.
बता दें कि बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में डालने या अन्य कूड़े के साथ डालने पर प्रतिबंध है लेकिन बावजूद इसके रुड़की के निजी अस्पताल बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में डालकर तमाम आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. मामला संज्ञान में आने के बाद निगम अधिकारी हरकत में आ गए और जांच कर संबंधित अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं.
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वहीं, काशीपुर में भी प्रदेश के नगरीय पर्यावरण संरक्षण परिषद के उपाध्यक्ष प्रकाश हरबोला ने सरकारी अस्पताल के अलावा तीन निजी अस्पतालों और नगर निगम में पहुंचकर कूड़ा निस्तारण के संबंध में जानकारी जुटाई. उन्होंने काशीपुर के एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल, नवजीवन हॉस्पिटल, सेवा हॉस्पिटल और सहारा हॉस्पिटल का निरीक्षण किया. जहां उन्होंने इन अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण में खामियां पाई. परिषद के उपाध्यक्ष हरबोला ने बताया की तीनों निजी अस्पतालों में ईटीपी नहीं लगाए हैं. जिसके बाद तीनों अस्पतालों के संचालकों को नोटिस जारी कर पीसीबी को अग्रिम कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है.
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बता दें कि मेडिकल वेस्ट अधिनियम 1988 के अनुसार निजी व सरकारी अस्पतालों को इस तरह के चिकित्सीय जैविक कचरे को खुले में या सड़कों पर न फेंकने का प्रावधान है. वहीं, इस कचरे को घरों से निकलने वाले सामान्य कचरे में भी नहीं मिलाना चाहिए. बायो मेडिकल वेस्ट नियम के अनुसार इस जैविक कचरे को खुले में डालने पर अस्पतालों के खिलाफ जुर्माना व सजा का भी प्रावधान है.