हरिद्वार: गंगा में खनन रोकने को लेकर मातृ सदन और अखाड़ा परिषद आमने-सामने आ गए हैं. मातृ सदन में चल रहे अनशन को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने बयान दिया था कि सरकार को मातृ सदन में हो रहे अनशन पर ध्यान नहीं देना चाहिए. वह तो संत है अपनी तपस्या कर रहे हैं. अगर उनमें शक्ति होगी तो खनन अपने आप ही बंद हो जाएगा. वहीं स्वामी शिवानंद ने भी पलटवार करते हुए कहा कि नरेंद्र गिरि की वाणी में शालीनता नहीं है. वो साधु के तप को नहीं समझते हैं
मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज के अनशन को लेकर दिए बयान पर पलटवार किया है. स्वामी शिवानंद ने कहा कि नरेंद्र गिरि की वाणी में शालीनता नहीं है. वो साधु के तप को नहीं समझते हैं. मां गंगा की महत्वता को नहीं समझते हैं. खनन से गंगा को कितना नुकसान होता है, इसको नहीं समझते हैं और गंगा किनारे कुंभ मेले में पैसों के लिए इतना उफान मचा रहे हैं. उसी गंगा के लिए मातृ सदन लड़ाई लड़ रही है. अखाड़ा परिषद तो सरकार से कुंभ में जमीन लेने के लिए दबाव बना रही है, इसलिए अज्ञानता को आभूषण बनाने वाले नरेंद्र गिरि को वो शत शत नमन करते हैं.