हरिद्वार: जनपद में सोमवार देर रात से हो रही भारी बारिश की वजह से तमाम हिस्से जलमग्न हो गए हैं. हरिद्वार में जलभराव की समस्या स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है. सत्ता पर काबिज सरकारों ने कभी भी हरिद्वार जिले की इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया. जलभराव से निजात दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं. बावजूद इसके आज भी धर्मनगरी की जनता जलभराव की समस्या से जूझ रही है.
हरिद्वार में जलभराव की समस्या से जूझ रहे लोग. ये भी पढ़ें:मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
हरिद्वार शहर, कनखल रानीपुर मोड़, उपनगरी जवालापुर क्षेत्र के अलावा हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में बरसात के समय में जलभराव की स्थिति बन जाती है. बरसात के मौसम से पहले प्रशासन द्वारा किए गए दावों की पोल एक ही बारिश में खुल जाती है. वहीं लोगों के घरों, दुकानों में घुसा बरसात का पानी हरिद्वार के अव्यवस्थित विकास कार्यों पर शासन और प्रशासन को आइना दिखाता है.
जिले में हर साल होने वाले जलभराव को लेकर स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि यह समस्या पिछले 20 सालों से चली आ रही है. नगर निगम और प्रशासन इस और कोई ध्यान नहीं देता है. बरसात के मौसम में एक महीना पहले शहर के नालों की सफाई होनी चाहिए, लेकिन प्रशासन द्वारा सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की जाती है. जिसके चलते व्यापारियों को अधिक नुकसान होता है.