हरिद्वार: भारत माता मंदिर, हरिद्वार के संस्थापक शंकराचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि (87) का मंगलवार सुबह निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार थे. बुधवार को हरिद्वार स्थित भारत माता मंदिर ट्रस्ट के राघव कुटीर में उन्हें समाधि दी जाएगी. गिरि के निधन पर संत समाज ने शोक व्यक्त किया है.
पढ़ें- 70 मीटर गहरी खाई गिरी गाय, पुलिस ने रेस्क्यू कर बचाई जान
स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी की भारत के संतों में महत्वपूर्ण स्थान रहा है. गुणवत्ता एवं जीवन मूल्यों को लोक जीवन में संचारित करने की दृष्टि में उनका विशिष्ट योगदान रहा. स्वामी सत्यमित्रानंद के उत्तराधिकारी जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने बताया है कि इंग्लैंड में उन्हें ब्रिटिश राज परिवार की ओर से सम्मानित किया गया था. उनका सभी धर्मों के धर्माचार्य सम्मान करते थे. उनके निधन से संत समाज में शोक की लहर है.
गिरी के निधन पर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर सोमेश्वर नंद महाराज ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानंद का आभामंडल बहुत बड़ा था. उन्होंने भारत माता मंदिर की स्थापना के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बुलाया था. इस मंदिर की नींव रखने के लिए संघ प्रमुख रहे साहब देवरस को बुलाया गया था. सत्यमित्रानंद गिरी के निधन के बाद संत समाज में शोक की लहर है. सत्यमित्रानंद हमारे आदर्श थे. जब हम से कोई भी गलती होती थी तो वह हमें समझाते थे. उनके जैसा कोई और संत नहीं हो सकता.
पढ़ें- रॉयल वेडिंग के बाद कूड़े के ढेर में तब्दील औली, 200 करोड़ की शादी से हर तरफ बिखरा कचरा