हरिद्वारः महाकुंभ के लिए अब गिनती के दिन शेष रह गए हैं. करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुगण यहां आस्था की डुबकी लगाएंगे. ऐसे में मेला प्रशासन लगभग एक साल से महाकुंभ के लिए तैयारी कर रहा है. हालांकि कोरोनाकाल में लगे लॉकडाउन में कुंभ कार्यों पर ब्रेक लग गया था. लेकिन मेला प्रशासन ने अब काम को अंतिम रुप देना शुरू कर दिया है. लेकिन क्या वाकई महाकुंभ में कागजों की तरह काम धरातल पर भी हो रहा हैं? इसका जवाब आपको शहर की टूटी सड़कों और हर तरफ फैली गंदगी से लग जाएगा.
महाकुंभ के आयोजन पर कूड़े का 'दाग'. दरअसल, कुछ दिनों से हरिद्वार में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर थे. मगर अब उनकी हड़ताल खत्म हो गई है. पर लगता नहीं है कि जल्दी हरिद्वार के हालात सुधरेंगे. क्योंकि हमेशा ही हरिद्वार में गंदगी को लेकर स्थानीय निवासी और यात्री परेशान रहते हैं. हर की पौड़ी से चंद कदमों की दूरी पर ही भारी मात्रा में खुले में कूड़ा डाला जा रहा है. मगर आज तक कूड़े के निदान के लिए कोई कार्य नहीं किया गया.
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मामले में स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि दुकानों के आगे कूड़े के ढेर पड़े रहते हैं, लेकिन नगर निगम को इससे कोई मतलब नहीं. इतना ही नहीं शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि बाहर से आने वाले यात्रियों में गंदगी से हरिद्वार की गलत छवि जाती है. क्योंकि जब वे आते हैं तो देखते हैं हरिद्वार में काफी गंदगी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कुंभ मेला शुरू होने वाला है. मगर हरिद्वार के ऐसे हालात हैं और इसके लिए शासन और प्रशासन दोनों जिम्मेदार हैं.
उधर, कुंभ मेले को दिव्य और भव्य बनाने की बात लगातार मेला प्रशासन द्वारा की जा रही है. मगर धरातल पर मेला प्रशासन के कार्य दिखाई नहीं दे रहे हैं. कुंभ मेले के अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह का कहना है कि हरिद्वार में सफाई व्यवस्था अगर नगर निगम प्रशासन द्वारा नहीं की जाती है तो उनको निर्देशित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि हरकी पैड़ी के पास जो गंदगी का ढेर रहता है, उसे लेकर मेला अधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया था कि उस स्थान पर कोई और व्यवस्था की जाए. इस पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही इसका निस्तारण भी किया जाएगा.