हरिद्वार/लक्सर/हल्द्वानी/काशीपुर/श्रीनगर:शारदीय नवरात्रि 2022 का आज पहला दिन था. मां दुर्गा के श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला. श्रीनगर से चार किलोमीटर दूर धारी देवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. मंदिर में जहां आस पास के लोग माथा टेकने पहुंचे वहीं, दूर दूर से मां के भक्त भी मंदिर में बड़ी संख्या में नजर आए. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की गई.
मां धारी देवी का मंदिर अलकनंदा नदी के बीच में है. माना जाता है कि मां भगवती धारी देवी चारों धामों की रक्षक देवी हैं. इसलिए जो भी लोग चार धामों की यात्रा पर जाते हैं, वे सभी लोग मां भगवती धारी देवी के दर्शन कर ही अपनी चारों धामों की यात्रा को सफल मानते हैं. कहा जाता है कि धारी देवी मंदिर में पांडवों ने भी पूजा अर्चना की थी, जिसका विवरण पुराने अभिलेखों में भी मिलता है. एक मान्यता के अनुसार मां भगवती धारी देवी तीन रूपों में भक्तों को दर्शन देती हैं. सुबह मां छोटी बच्ची, दिन में युवती और शाम होते ही एक बुजुर्ग महिला के रूप में भक्तों को दर्शन देती हैं.
मां के पहले शक्तिपीठ माया देवी मंदिर में भक्तों का तांता: धर्मनगरी हरिद्वार स्थित सिद्धपीठ माया देवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लग गया. मान्यता है कि 52 शक्ति पीठों में से पहले शक्तिपीठ माया देवी मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. हरिद्वार के श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के प्रांगण में माया देवी मंदिर स्थित है. मंदिर स्थापना के पीछे एक पौराणिक गाथा है.
अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्री महंत प्रेम गिरि बताते हैं कि प्राचीन समय में जब राजा दक्ष के द्वारा कराए यज्ञ के दौरान माता सती ने अपने प्राण त्याग दिए थे, तब भगवान शिव ने उनके पार्थिव शरीर को यहीं लाकर रखा था. भगवान विष्णु द्वारा जब माता सती के 52 टुकड़े किए गए तब 52 शक्तिपीठों की स्थापना हुई थी. सबसे पहले माता की नाभी इसी स्थान पर गिरी और यहां देश का पहला शक्तिपीठ स्थापित हुआ है.
पढ़ें-Navratri Special : साबूदाना खिचड़ी से नवरात्रि व्रत में अपनी एनर्जी को रखें बरकरार