हरिद्वार:पतित-पावनी मां गंगा अब सिर्फ मानवों के पाप नहीं बल्कि वाहनों के भी पाप धोने लगी हैं. गंगा घाट अब पूजा-अर्चना के लिए नहीं बल्कि शराब, चरस और गांजा बेचने की जगह बन गये हैं. आस्था की यह धर्मनगरी अब पिकनिक स्पॉट हो गई है. प्रशासन और पुलिस भी खुली आंखों से यह सब होता देख रही है, जैसे मानों गंगा में हो रहे इस पाप को रोकने की जिम्मेदारी उनकी नहीं बल्कि स्वयं गंगाधारी भगवान शिव की हो.
खुलेआम उड़ रही NGT के नियमों की धज्जियां धर्मनगरी हरिद्वार में इन दिनों मां गंगा का खुलेआम अपमान हो रहा है. अपने पाप धोने के लिए श्रद्धालु देश-विदेश से गंगा में स्नान करने आते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो गंगा में आकर इसकी मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं. जहां हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने यहां आते हैं. लेकिन इन दिनों हरिद्वार में आस्था के साथ निर्लजता के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है. जिसकी बानगी ईटीवी भारत के कैमरे ने की है.
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गंगा के पवित्र जल से वाहनों और मोटरसाइकिलों को धोया जा रहा है. गंगा के अंदर बैठकर खुलेआम हुक्का और चिलम फूंकी जा रही हैं. लोगों को ना तो धर्म का डर दिख रहा है और ना ही कानून का.
स्थानीय सूत्रों से मिली खबर पर जब ईटीवी संवाददाता सामाजिक संस्थाओं के साथ गंगा घाटों का जायजा लेने जाते हैं तो जो तस्वीर दिखाई देती है, वो बेहद हैरान करने वाली थी. गंगा घाटों पर खुलेआम नशे का व्यापार चल रहा है. घाटों में नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं. आलम यह था कि कुछ लोग गंगा के अंदर उतरकर नशा कर रहे थे. वहीं कुछ लोग गंगा में वाहनों को ऐसे धो रहे थे मानों यह मां गंगा नहीं कोई नाला हो.
नगर निगम हरिद्वार के बायलॉज के अनुसार हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र पूर्ण रूप से ड्राई एरिया है. जहां किसी भी तरीके का नशीला पदार्थ बेचना प्रतिबंधित है. लेकिन हरिद्वार के गंगा घाटों पर खुलेआम नशा बिकता और होता दिख रहा है.
एनजीटी के आदेश अनुसार गंगा में वाहन धोना कानूनी अपराध है. जिसके लिए व्यक्ति को 5 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. लेकिन यह सारे नियम हरिद्वार में आकर कहीं गुम हो जाते हैं. गंगा घाट हुक्का बार और नशा करने का अड्डा बनकर रह गया है. वहीं जिम्मेदार प्रशासन गहरी नींद सो रहा है.
जब नींद से जगाकर इन मामलों की जानकारी पुलिस को दी गई तो मौके पर पहुंची पुलिस का रवैया भी असंतोष जनक ही रहा. अब सवाल है कि आखिर कब तक धर्मनगरी हरिद्वार में मां गंगा का अपमान होता रहेगा. खुलेआम गंगा में आखिर नशे का गोरखधंधा कब तक फल-फूलता रहेगा और प्रशासन कुंभकरण की नींद सोया रहेगा.