उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

हरिद्वारः आमदखोर गुलदार का खात्मा, दो शिकारियों ने किया ढेर

जनपद में पिछले कई दिनों से गुलदार का आतंक बना हुआ था. हर दिन किसी न किसी के घर में घुसने और लोगों पर हमला करने की खबरें आती थी. शनिवार को दो शिकारियों ने गुलदार को शूट कर आतंक का खात्मा कर दिया.

hunters shot leopard
गुलदार के आतंक से वन विभाग ने लोगों को दिलाया निजात.

By

Published : Jan 18, 2020, 9:29 PM IST

Updated : Jan 19, 2020, 12:36 PM IST

हरिद्वार:भेल एरिया में आतंक का पर्याय बने आदमखोर गुलदार का आज खात्मा हो गया. दो शिकारियों ने काफी मशक्कत के बाद गुलदार को शूट किया.गुलदार के आतंक से लोगों को निजात दिलाने के लिए हरिद्वार वन प्रभाग को वाइल्ड लाइफ चीफ वार्डन की ओर से अनुमति दी गई थी.

गुलदार की मौत से लोगों ने ली राहत की सांस.

यह भी पढ़ें:फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन लेने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस के हत्थे चढ़े दो आरोपी

शनिवार सुबह से वन विभाग की टीम और शिकारियों द्वारा आदमखोर गुलदार की खोजबीन की जा रही थी. रात को लगभग 8 बजे टीम को सफलता मिली. गुलदार वन विभाग की टीम को दिनभर चकमा देता रहा. लोगों की आवाजाही के चलते कई बार इसकी लोकेशन ट्रैक होने के बावजूद इसे मारा नहीं जा सका. वहीं शिकारी डॉ. प्रशांत ने बताया कि इस ऑपरेशन को उनकी टीम और साथी जहीर ने सफलता पूर्वक अंजाम दिया है.

बता दें कि गुलदार को मारने के लिए हरिद्वार वन प्रभाग ने चार मशहूर शिकारियों जॉय हुकिल, लखपत सिंह रावत, डॉ. प्रशांत और आसिफ ने संपर्क किया था, लेकिन इनमें से दो शिकारी शनिवार को हरिद्वार पहुंचे और उन्होंने वन प्रभाग की टीम के साथ पूरे क्षेत्र का मुआयना किया था.

गुलदार के आने की कई लोकेशन को शिकारियों ने देखा और आदमखोर गुलदार को शूट कर डाला. बता दें कि शनिवार को ही गुलदार ने एक व्यक्ति पर घात लगाकर हमला कर दिया था, लेकिन किसी तरह से व्यक्ति वहां से बच निकला. फिलहाल अब क्षेत्र की जनता में डर खत्म हो चुका है.

आपको बता दें कि हरिद्वार वन प्रभाग से सटे भेल क्षेत्र में गुलदार ने अब तक तीन लोगों अपना निवाला बनाया था. भूख मिटाने के लिए एक कब्रिस्तान में चार कब्रों तक को खोद डाला, तब जाकर इसे मारने के लिए वन विभाग द्वारा अनुमति दी गई. हरिद्वार डीएफओ अकाश वर्मा ने बताया कि भेल क्षेत्र में कई दिनों से गुलदार आबादी क्षेत्र में बेरोकटोक घूम रहा था और इसके द्वारा कई घटना को भी अंजाम दिया गया. गुलदार को पकड़ने के कई प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिल पाई और लोगों में भी भय का माहौल बढ़ गया था.

वन प्रभाग को वाइल्ड लाइफ चीफ वार्डन से गुलदार को शूट करने की परमिशन मिलने के बाद चार शिकारियों से संपर्क किया गया. गुलदार के लोकेशन की मॉनिटरिंग की जा रही थी और शिकारियों से यह सारी जानकारी साझा की गई. यह ऑपरेशन काफी कठिन ऑपरेशन था, क्योंकि यहां पर आबादी ज्यादा है और साथ ही पार्क से लगा हुआ क्षेत्र काफी बड़ा है. ऐसी स्थिति में गुलदार को एक जगह पर लाना हमारे लिए चैलेंज था. बीएचएल से भी अनुरोध किया गया था कि पार्क क्षेत्र लगने लगने वाली जितनी भी झाड़ियां है उसे हटाया जाए, ऐसा होने पर गुलदार को एक एरिया में ला सकते हैं. शिकारियों की मदद के लिए वन प्रभाग की टीवी भी अलग से लगाई गई थी.

गुलदार को शूट करने की जिम्मेदारी चार शिकारियों को दी गई, उसमें से दो शिकारी आज हरिद्वार पहुंचे और वन विभाग की टीम के साथ गुलदार की उन तमाम लोकेशन का मुआयना किया जहां पर गुलदार हर रोज आ रहा था. मशहूर शिकारी प्रशांत ने बताया है कि क्षेत्र में गुलदार की लोकेशन सर्च किया गया, क्योंकि यह काफी बड़ा इलाका है और इस इलाके में एक से ज्यादा गुलदार हैं, पहले आदमखोर गुलदार को सर्च किया गया और उसके बाद गुलदार को सूट किया गया.

Last Updated : Jan 19, 2020, 12:36 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details