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Published : Sep 13, 2021, 8:09 PM IST

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Kumbh Fake Covid Test: आरोपियों के घर पुलिस ने कराई मुनादी, 15 दिन बाद संपत्ति होगी कुर्क

कुंभ फर्जी कोविड जांच घोटाले में पुलिस ने फरार आरोपी पंत दंपत्ति और नवतेज नलवा के घर ढोल बजाकर मुनादी की कार्रवाई की. इसके 15 बाद पुलिस कुर्की की कार्रवाई करेगी.

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हरिद्वार

हरिद्वारःमहाकुंभ के दौरान कोरोना जांच के नाम पर हुए घोटाले के आरोपी शरत पंत, मल्लिका पंत पत्नी शरत पंत निवासी नोएडा और नवतेज नलवा पुत्र एसपी नलवा निवासी हिसार हरियाणा के निवास स्थान पर एसआईटी ने ढोल बजाकर मुनादी कराई है. 15 दिन बाद पुलिस कुर्की की कार्रवाई करेगी.

पुलिस को आरोपियों की तलाशः एसआईटी ने मुकदमे में मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज कंपनी में पार्टनर शरत पंत और उनकी पत्नी मल्लिका पंत के अलावा लैब नलवा लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड हिसार हरियाणा के डॉ नवतेज नलवा को मुकदमे में नामजद किया था. इसके बाद लैब और फर्म संचालकों से बारी-बारी पूछताछ के बाद पुलिस ने डेलफिया लैब के संचालक आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार किया था. आशीष के बयानों के आधार पर पंत दंपति को इस मामले में नामजद किया गया है और कोर्ट से राहत न मिलने के बाद पंत दंपति और नवतेज नलवा फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है.

दिल्ली-हरियाणा में की तलाशःएसआईटी की ओर से विवेचनाधिकारी अमरजीत सिंह ने शरत पंत और उनकी पत्नी मल्लिका पंत के अलावा डॉ. नवतेज नलवा के खिलाफ गैर जमानती वारंट कोर्ट से ले लिया है. आरोपियों की तलाश में एसआईटी की टीम दिल्ली और हरियाणा गई, लेकिन कुछ हाथ नहीं आया.

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विवेचना अधिकारी अमरजीत सिंह ने बताया कि सीजेएम कोर्ट से गैर जमानती वारंट लेने के बाद आरोपियों की लगातार तलाश जारी है. सोमवार को एसआई द्वारा नोएडा और हिसार में ढोल बजाकर मुनादी कराई गई. इसके 15 दिन बाद कुर्की की जाएगी.

ये है मामला: कुंभ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की जांच का जिम्मा प्राइवेट लैब्स को दिया गया. जिसके बाद की गई कोरोना जांच सवालों के घेरे में आ गई है. कुंभ मेले के दौरान किए गए एक लाख कोरोना टेस्ट रिपोर्ट फर्जी मिले हैं. प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं की जांच कर कुंभ मेला प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का प्रयास किया गया है. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है.

यही नहीं, कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया है. वहीं, एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला भी सामने आया है, जो असंभव सा लगता है. सैकड़ों लोगों की रिपोर्ट में घर का एक ही पता डाला गया है. मामले में तत्कालीन हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जांच कमेटी का गठन कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश के आदेश दिए थे.

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ऐसा हुआ था खुलासा: हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक एलआईसी एजेंट (LIC Agent) के माध्यम से हुआ है. पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपन मित्तल ने हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली. विपन मित्तल के मुताबिक, उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था, जिसमें उन्हें बताया गया कि उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है.

जिसे सुनते ही वे भौंचक्के रह गए. क्योंकि, उन्होंने कोरोना की कोई जांच ही नहीं कराई थी. ऐसे में विपिन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए विपिन ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की.

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