ऋषिकेश: उत्तराखंड को वनवासी राज्य घोषित करने को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय मंगलवार दिल्ली कूच करेंगे. ऋषिकेश पंहुचे किशोर उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड का 72 फीसदी क्षेत्र वन क्षेत्र है. वहीं अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की भूमि को मिलाकर देखा जाए तो लगभग 92 फीसदी क्षेत्र वन क्षेत्र है. इसलिए उत्तराखंड वासियों को वनवासी घोषित करना चाहिए.
किशोर उपाध्याय ने बताया कि वनवासी घोषित करने के लिए पूर्व में उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखा था और उनसे मुलाकात भी की थी. बावजूद इसके उत्तराखंड को वनवासी राज्य घोषित करने की दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है.
जानकारी देते किशोर उपाध्याय कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने बताया कि उनकी मुख्य मांग है कि उत्तराखंड राज्य को ग्रीन बोनस दिया जाना चाहिए. यहां के लोगों के लिए पानी मुफ्त होना चाहिए. इसके साथ ही हर माह 100 यूनिट बिजली प्रदेश की जनता को मुफ्त मिलनी चाहिए. वहीं प्रति माह 1 गैस सिलेंडर मुफ्त भी दिया जाना चाहिए.
किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड की जनता जंगलों में रहती है इसलिए जंगल के दोहन का अधिकार भी उन्हें दिया जाना चाहिए. अगर वन्य जीव के द्वारा किसी भी तरह की जान हानि होती है तो 25 लाख तक का मुआवजा दिया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि इन्हीं मांगों को लेकर वो कल दिल्ली रवाना हो रहे हैं.
वन अधिकार एक्ट 2006 के तहत वनवासी लाभ
- वनों पर हक-हकूक और वन भूमि पर कब्जों को मान्यता
- जिस वन भूमि पर कब्जा है, उस पर खेती का अधिकार
- लघु वन उत्पादों का संग्रह,ब्रिकी का अधिकार को मान्यता
- बुनियादी सुविधा के विकास को वन भूमि उपयोग में रियायत