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कैलाश खेर ने सुनाई मां काली-भगवान शंकर की महिमा, संन्यासी हुए भाव-विभोर

कैलाश खेर जब सुर साधते हैं तो सुनने वाले भाव-विभोर हो जाते हैं. ऐसा ही महाकुंभ में हुआ. कैलाश खेर ने मां काली और भगवान शंकर के भजन गाए तो संन्यासी भी झूमने लगे.

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कैलाश खेर

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Published : Apr 14, 2021, 8:36 AM IST

Updated : Apr 14, 2021, 9:10 AM IST

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में महाकुंभ मेला अपने पूरे शबाब पर है. कोरोना महामारी का असर भी कुंभ मेले पर देखने को मिल रहा है, लेकिन उसके बावजूद भी आस्था कोरोना पर भारी दिखाई दे रही है. जहां लाखों साधु-संत और श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं तो वहीं, कुंभ में कई धार्मिक आयोजन भी किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में महाकुंभ के तीसरे शाही स्नान की पूर्व संध्या पर पद्मश्री कैलाश खेर ने समा बांध दिया. उन्होंने अपनी मधुर आवाज से काली और भगवान शंकर की महिमा का गुणगान किया और माहौल को भक्तिमय बना दिया.

कैलाश खेर के सुरों पर झूमे साधु-संत

दरअसल, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी की ओर से काली मंदिर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जूना अखाड़े के अचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी की ओर से भी हरिहर आश्रम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. बॉलीवुड के गायक और संगीतकार कैलाश खेर ने इन कार्यक्रमों में शिरकत की और अपनी मधुर आवाज से माहौल को भक्तिमय बना दिया.

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कैलाश खैर ने मात्र एक रुपये में उत्तराखंड पुलिस के लिए गाया कुंभ गीत

बता दें कि कैलाश खेर ने उत्तराखंड पुलिस के लिए एक कुंभ गीत कंपोज किया और गाया भी. इसके बदले में उन्होंने मेहनताने के रूप में मात्र एक रुपया ही लिया है. उस गीत को गाकर कैलाश खेर ने अलग ही समा बांध दिया.

कैलाश खेर का कहना है कि हरिद्वार हरि का द्वार है. यहां उन्होंने भी साधु-संतों का आशीर्वाद लिया है. जबकि, संतों के सानिध्य में प्रस्तुति भी दी. कैलाश खेर ने कैमरे पर भी उत्तराखंड पुलिस के लिए बनाए गए कुंभ गीत को सुनाकर एक अलग ही समा बांधा.

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निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज का कहना है कि कैलाश खेर का मां काली के मंदिर में आना और मंगल गीत सुनाना, यह उत्तराखंड और हमारे लिए महत्वपूर्ण क्षण है. अखाड़ा उन्हें उनके उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद देता है.

Last Updated : Apr 14, 2021, 9:10 AM IST

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