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26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण से बन रहा प्राकृतिक आपदा का योग: ज्योतिषाचार्य - Jyotishacharya Pandit Ramesh Semwal News

सूर्य ग्रहण को लेकर प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने भविष्यवाणी करते हुए बताया है कि 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण से प्राकृतिक आपदा का योग बन रहा है. जिससे भूकंप आने की अतिसंभावना बन रही है. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बंगाल, दिल्ली और उड़ीसा, में इसका ज्यादा असर रहेगा. जिससे बचने के लिए उन्होंने जनता से सावधानी बरतने की अपील की है.

ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश सेमवाल न्यूज  Solar Eclipse News in Uttarakhand
ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश सेमवाल

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Published : Dec 25, 2019, 11:44 PM IST

रुड़की:आगामी 26 दिसंबर को हो रहे सूर्य ग्रहण को लेकर उत्तराखंड ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष व प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने भविष्यवाणी की है. उनका कहना है कि 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण से प्राकृतिक आपदा का योग बन रहा है. जिससे भूकंप आने की संभावना बन रही है. देश के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बंगाल, दिल्ली और उड़ीसा, में इसका ज्यादा असर रहेगा. जिसके चलते सावधानी अनिवार्य है. जिससे बचने के लिए उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है.

सूर्य ग्रहण पर ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश सेमवाल की भविष्यवाणी.

उत्तराखंड ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने भविष्यवाणी में बताया है कि 26 दिसंबर गुरुवार को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है. यह ग्रहण पौष, मास, कृष्ण, पक्ष, अमावस तिथि राशि व मूल नक्षत्र में पड़ रहा है. इस ग्रहण का समय भारत में सुबह 8:00 बजे शुरू होगा. जो हरिद्वार जिले में सुबह 8:20 पर स्पर्श करेगा. परम ग्रास 10:48 प्रात ग्रहण समाप्त 1:36 पर होगा. कंकण की कुल अवधि 3 मिनट 34 सेकंड की है. 58 साल बाद यह योग 26 दिसंबर को पुन: बन रहा है.

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साथ ही बताया कि ग्रहों की स्थिति के अनुसार यह सूर्य ग्रहण पिछले कई दशकों में लगे सूर्य ग्रहण से भिन्न है. ग्रहण के समय 6 ग्रह सूर्य, चंद्रमा, शनि, गुरु और बुध की युक्ति केतु के साथ होंगे. धनु राशि में इससे पहले 5 फरवरी 1962 के सूर्य ग्रहण के समय मकर राशि में सभी सात ग्रह केतु के साथ उपस्थित थे. उस ग्रहण के प्रभाव से साल 1962 में भारत को चीन का आक्रमण झेलना पड़ा था. जिसके 58 साल बाद यह योग फिर आया है. यह प्राकृतिक आपदा भूकंप का योग है. उन्होंने बताया कि उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, बंगाल में इसका ज्यादा असर रहेगा इसलिए सावधानी अनिवार्य है.

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