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राजस्थान की घटना जूना अखाड़े ने जताया आक्रोश, कहा- संकट में सनातन धर्म - सपोटरा मंदिर पुजारी बाबूलाल वैष्णव की हत्या

राजस्थान के करौली जिले में पुजारी को जिंदा जलाने की घटना पर जूना अखाड़े से जुड़े साधु-संतों ने आक्रोश जताया है. उनका कहना है कि सनातन धर्म संकट में है. ऐसे में सभी को धर्म की रक्षा के लिए आगे आना होगा.

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जूना अखाड़ा

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Published : Oct 12, 2020, 9:42 PM IST

हरिद्वारःराजस्थान के करौली में पुजारी को जिंदा जलाने की घटना को लेकर उत्तराखंड में आक्रोश का माहौल है. हरिद्वार में भी संत-समाज में भारी आक्रोश है. जूना अखाड़े से जुड़े साधु-संतों ने पुजारी के हत्यारों की गिरफ्तारी न होने से नाराजगी जाहिर की. साथ ही राजस्थान सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

संत समाज का कहना है कि देशभर में सनातनी परंपरा के प्रतीक साधु-संतों और पुजारियों को मौत के घाट उतरा जा रहा है. ये सरकारों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने वाला विषय है. पहले महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े दो संतों की हत्या उसके बाद अब इस घटना का होना सिद्ध करता है कि आज सनातन धर्म पर ही संकट खड़ा हो गया है. पुजारी ही सनातन धर्म के रक्षक हैं और धर्म के रक्षक को मारने वालों भगवान कभी माफ नहीं करेंगे. इसलिए वो सरकार से मांग करते है कि हत्यारों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.

पुजारी को जिंदा जलाने की घटना पर जूना अखाड़ा ने जताया आक्रोश.

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जूना अखाड़े के मनोहर पूरी महाराज ने कहा कि साधु-संतों की हत्या पर अब किसे दोषी ठहराए? केंद्र में भगवावादी नरेंद्र मोदी सरकार है फिर भी साधु संतों की हत्याएं हो रही है. सनातन धर्म अब सुरक्षित नहीं है. किस सरकार पर विश्वास करें, ये भी कहा नहीं जा सकता है. इसलिए अब समय आ गया है कि अब हिंदू धर्म के लोगों को एकजुट होकर अपने धर्म की रक्षा की लड़ाई लड़नी पड़ेगी.

गौर हो कि बीते दिनों राजस्थान के करौली जिले में सपोटरा मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव की हत्या का मामला सामने आया था. जहां मंदिर के पुजारी को पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया गया था. बाद में देर रात गंभीर रूप से जख्मी पुजारी की जयपुर के सवाईमाधो सिंह (एसएमएस) अस्पताल में मौत हो गई. पुजारी की मौत के बाद आक्रोशित परिजन और कई सामाजिक संगठनों ने अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरना दिया था. इतना ही नहीं मामले को लेकर अभी भी सियासत जारी है.

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