हरिद्वारः जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने अपनी पहली धार्मिक यात्रा शुरू कर दी है. जितेंद्र त्यागी हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन कर संतों और अपने सहयोगियों के साथ बदरीनाथ धाम की यात्रा पर निकले. हालांकि, यात्रा पर निकले से पूर्व जितेंद्र नारायण त्यागी का पुलिस के साथ उनकी सुरक्षा को लेकर बहस भी हुई. इस मौके पर उनके साथ शांभवी धाम के पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप, दर्शन भारती समेत अन्य लोग शामिल रहे.
अपनी पहली धार्मिक यात्रा पर निकले से पहले जितेंद्र नारायण त्यागी ने गंगा पूजन किया (Jitendra Narayan Tyagi Did Ganga Puja). उसके बाद मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा कि हरिद्वार से उनकी अपने सनातन साथियों के साथ भगवान बदरीनाथ धाम तक की यात्रा(Waseem Rizvi Badrinath yatra) निकाली जा रही है. सनातन धर्म में आने के बाद यह उनकी पहली धार्मिक यात्रा है. उन्होंने अपने सभी सनातनी साथियों के साथ मिलकर इस यात्रा को अपने जीवन का एक संकल्प बनाया है. क्योंकि, भारत में बहुसंख्यक आबादी सनातन धर्म के मानने वालों की है.
जितेंद्र नारायण त्यागी की पहली धार्मिक यात्रा शुरू. उन्होंने कहा कि भारत के पड़ोसी देश सनातन धर्म को मिटाने की साजिश रच रहे हैं. गजवा–ए-हिंद से जुड़े आतंकी (Terrorist of Ghazwa e hind) गतिविधियां बढ़ रही है. देशद्रोही प्रवृत्ति के संगठन और व्यक्तियों की ओर से कई तरह का जिहाद चलाया जा रहा है. जो कि भारत के लिए भविष्य में कभी भी बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकता है.
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जितेंद्र नारायण त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) ने कहा कि इस संकल्प यात्रा का उद्देश्य 'एक देश एक कानून' की मांग भी है. जो भारत में अति आवश्यक है. क्योंकि, भारत में कुछ धर्म अपने रीति-रिवाज की आड़ में भारतीय संविधान को किनारे कर अपने धार्मिक कानून चला रहे हैं. जिससे समाज में कई तरह की गंभीर परेशानियां पैदा हो रही है.
त्यागी का आरोप है कि हिजाब, खुले में नमाज पढ़ना, सरकारी जमीनों पर धार्मिक स्थलों का जबरन निर्माण, वक्फ एक्ट का लाभ उठाकर कानूनी तरीके से भारत की भूमि का इस्लामीकरण करना मुख्य है. इसलिए यह अति आवश्यक है कि देश में सभी भारतीयों के लिए सामान्य कानून, आपराधिक कानून, शिक्षा के कानून एक होने चाहिए.
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