हरिद्वार:श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा नागा संन्यासियों का सबसे बड़ा अखाड़ा है. लेकिन इसकी एक अन्य विशेषता यह भी है कि महिला नागा संन्यासियों और महिला महामंडलेश्वर की संख्या की दृष्टि से भी यह सभी अन्य अखाड़ों से बड़ा है. जूना अखाड़ा ही एक मात्र संन्यासी शैव अखाड़ा है जिसमें माईबाड़ा है. जहां नागा संन्यासिनियों की अलग छावनी लगती है. जिसकी समस्त व्यवस्था नागा अवधूतनियों के हाथ में रहती है. जूना अखाड़े में शिक्षित और विभिन्न सामाजिक धार्मिक व अन्य क्षेत्रों में सक्रिय महिला महामंडलेश्वरों की बहुत बड़ी संख्या है. जिसमें प्रत्येक कुंभ पर्व पर बढ़ोत्तरी होती रहती है.
इसी श्रृंखला में हाल में ही अहमदाबाद गिर गुजरात की महामंडलेश्वर जय अम्बानंद गिरि का नाम भी जुड़ गया है. महामंडलेश्वर जय अम्बानंद गिरि ने जूना अखाड़े के अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज से विधिवत संन्यास की दीक्षा प्रयागराज में ली और हरिद्वार कुंभ पर्व पर उनका महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज द्वारा किया गया.