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जन विकास संघर्ष समिति ने विकास प्राधिकरण को खत्म करने रखी मांग - जन विकास संघर्ष समिति ने सीएम त्रिवेंद्र को भेजा ज्ञापन

जन विकास संघर्ष समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि विकास प्राधिकरण के नियम काफी जटिल और महंगे हैं. जिससे गरीब और मध्य वर्गीय परिवार को घर बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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ज्ञापन सौंपते लोग

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Published : Oct 12, 2020, 5:59 PM IST

लक्सरःहरिद्वार जिले के लक्सर में विकास प्राधिकरण को खत्म करने की मांग तेज होने लगी है. इसी कड़ी में जन विकास संघर्ष समिति ने विकास प्राधिकरण को खत्म करने की मांग को लेकर उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक ज्ञापन भेजा. इस दौरान उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरण की ओर से बनाए गए नियमों से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को मकान बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा, प्राधिकरण को खत्म किया जाए.

जन संघर्ष समिति के अध्यक्ष मास्टर कुशलपाल सैनी ने बताया कि यह व्यवस्था साल 2017 में बीजेपी सरकार ने लागू की थी. जबकि, 2017 से पहले राज्य के 5 महानगरों में विकास प्राधिकरण बने हुए थे. अब सभी जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लागू कर दिया गया है. जिससे गरीब एवं मध्यम वर्गीय व्यक्तियों को अपना मकान बनाना मुश्किल हो गया है.

विकास प्राधिकरण को खत्म करने की मांग.

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उन्होंने कहा कि अब विकास प्राधिकरण की स्वीकृति और नक्शा पास कराए बिना मकान बनाना एक जुर्म हो गया है. प्राधिकरण के नियमों में ज्यादा धन खर्च होता है. नियम से मकान बनाए तो प्लाट, भूमि के मूल्य से ज्यादा धन का खर्च प्राधिकरण को देना पड़ता है. साथ ही आरोप लगाया कि इससे भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है. ऐसे में मकान बनाने की प्रक्रिया जटिल और महंगी होने के कारण हो रही परेशानी को देखते हुए इस प्राधिकरण का खत्म किया जाना चाहिए.

वहीं, समिति ने मांग की है कि पहले की तरह ही नगर पंचायत, पालिका और परिषद को ही नक्शे पास करने का अधिकार दिया जाए. जिससे आम जन सुगमता से कम खर्चे में मकान बना सके. उधर, मामले में उप जिलाधिकारी पूरन सिंह राणा ने बताया कि उन्हें जन संघर्ष समिति ने एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने विकास प्राधिकरण को लेकर हो रही समस्याओं से अवगत कराया गया है. साथ ही कई मांगें भी शामिल हैं. जल्द ही ज्ञापन को मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा.

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