रुड़की:सोशल मीडिया से एक ऐसी खबर सामने आई है जो हैरान करने वाली है. ये किस्सा किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी नहीं बल्कि ये सच्चाई है, जो रुड़की के पिरान कलियर से जुड़ी हुई है. यहां बेसहारा घूमने वाले एक साधारण से लड़के को न सिर्फ उसका खोया हुआ परिवार मिला, बल्कि सहारनपुर उत्तर प्रदेश (Shahzeb Ali of Saharanpur Uttar Pradesh) में वो अपने करोड़ों की पुश्तैनी जायदाद का मालिक भी बन गया. इससे पहले ये मासूम चाय व अन्य दुकानों पर काम करने के साथ-साथ दो वक्त की रोटी के लिए लोगों के आगे हाथ भी फैलाने को मजबूर था.
ऐसे छाया था जिंदगी में अंधेरा:जो कहानी सामने आई है उसके मुताबिक, सहारनपुर के एक गांव से एक महिला कुछ साल पहले अपने लगभग 8 साल के बेटे को लेकर घर से निकल आई थी. महिला ने बच्चे से भी घर वापस जाने को मना किया. कम उम्र होने के चलते बेटे के मन में यह बात बैठ गई. कोरोनाकाल में महिला इसी डर के साथ बेटे को छोड़कर दुनिया को अलविदा कह गई. तब से बेटा लावारिस के तौर पर जिंदगी गुजारता रहा.
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दादा ने किया इंसाफ तो बन गई बात:घर से पत्नी सहित बेटे के गायब होने के सदमे में पिता ने दम तोड़ दिया, लेकिन सरकारी शिक्षक रह चुके दादा ने बेटे के बाद उसकी निशानी को ढूंढने की बहुत जद्दोजहद की, पर कोई फायदा नहीं हुआ. यहां तक कि दादा भी चल बसे, अलबत्ता दुनिया से जाते-जाते अपनी आधी जायदाद का मालिक मासूम लापता पोते और आधी जायदाद दूसरे बेटे के नाम कर दी. दादा ने अपनी वसीयत में लिखा जब कभी भी उनका पोता वापस आए तो आधी जायदाद उसे सौंप दी जाए.
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