रुड़की:दिल्ली विकास प्राधिकरण ने आने वाले 20 सालों में दिल्ली के नवनिर्माण की कवायद शुरू की है. 20 साल बाद यानी साल 2041 में दिल्ली का मॉडल कैसा होगा? इसपर रुड़की आईआईटी और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के बीच करार हुआ है. देश के नामचीन संस्थान के प्रोफेसर दिल्ली का साल 2041 का नक्शा तैयार कर रहे हैं, जिसमे स्मार्ट सिटी के स्तर की तमाम सुविधाएं शामिल होंगी.
इमारत की तस्वीर से लेकर ड्रेनेज प्लान का खाका भी रखा जाएगा, ताकि तमाम तरह की सुविधाओं से दिल्ली लैस हो सके. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.
IIT रुड़की बना रहा 'नक्शा' डीडीए और आईआईटी रुड़की के बीच करार
बता दें, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और आईआईटी रुड़की के बीच एमओयू साइन हो गया है. पहले फेज में करीब 7 करोड़ खर्च होंगे, जिसमें दिल्ली का खाका तैयार कर जीआईएस आधारित मास्टर प्लान बनाया जाएगा. 160 बिंदुओं को शामिल कर तैयार होने वाले मास्टर प्लान में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा. इसमें स्मार्ट सिटी के स्तर की सभी सुविधाएं शामिल होंगी.
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20 सालों में होगा दिल्ली का नवनिर्माण
गौरतलब है कि साल 1962 के बाद से दिल्ली का कोई मास्टर प्लान तैयार नहीं हुआ है. अब डीडीए ने आने वाले 20 सालों में दिल्ली के नवनिर्माण की कवायद शुरू की है. इसके तहत बड़ी आबादी के रहन-सहन की तमाम सुविधाओं को ध्यान में रखा जा रहा है. आईआईटी रुड़की की तरफ से सिविल डिपार्टमेंट के वैज्ञानिक प्रो. कमल जैन ने एमओयू साइन किया है.
प्रो. कमल जैन ने बताया कि एमओयू के अनुसार करीब 1500 वर्ग किमी क्षेत्र का नक्शा तैयार किया जा रहा है. नक्शा तैयार होने के बाद पूरी दिल्ली के सभी भवनों का फील्ड सर्वे होगा. अगले चरण मास्टर प्लान में सुविधाओं का खाका तैयार होगा. इसमें ड्रेनेज, अतिक्रमण, वाटर सप्लाई समेत स्मार्ट सिटी के स्तर की कम्यूनिटी फैसिलिटी का पूरा प्लान होगा.
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मास्टर प्लान 2041 में क्या है ?
दिल्ली मास्टर प्लान-2041 के मसौदा प्रावधानों में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पेयजल की मांग को तर्कसंगत बनाने और रोजाना प्रति व्यक्ति 60 गैलन से घटाकर 50 गैलन प्रति व्यक्ति करने की आवश्यकता बताई गई है. बता दें, दिल्ली में 2020 में 1.9 करोड़ लोगों के लिए 60 गैलन प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से पेयजल की अनुमानित मांग 114 करोड़ गैलन प्रतिदिन थी.
साफ हवा-पानी पर जोर
दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण है. यहां एक करोड़ से ज्यादा गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती हैं. मास्टर प्लान में बताया गया है कि कैसे लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. दिल्ली पानी की कमी वाला शहर है. इसके बावजूद पानी के बचाव और नुकसान के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. इसपर भी खास प्लान तैयार किया गया है.