रुड़की:आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक प्राकृतिक आपदाओं पर शोध कर उनके कारणों का पता लगाने में अहम भूमिका निभाते हैं. वहीं, चमोली आपदा को लेकर आईआईटी के वैज्ञानिकों ने रिसर्च कर कारणों का पता लगाने का प्रयास किया है. ऐसी आपदाओं से बचने के उपाय भी बताए हैं.
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बता दें कि, आईआईटी रुड़की के भूकंप अभियांत्रिकी विभाग के वैज्ञानिक प्राकृतिक आपदाओं पर शोध करते है और उससे बचने के उपाय तलाशते हैं. विभाग के वैज्ञानिक मुकुट लाल शर्मा ने बताया कि हिमालय में जैसे भूकंप आना, बादल फटना, भूस्खलन और ग्लेशियर फटना आदि जिसे प्राकृतिक आपदाएं कहा जाता है. उन्होंने बताया इन आपदाओं से सतर्क रहने की आवश्यकता है, पहले से ही सतर्कता बरती जानी चाहिए.
आपदाओं से बचने के लिए रेजिलेंट सोसायटी का होना जरूरी है, ताकि किसी भी आपदा से समय रहते बचा जा सकें. उन्होंने बताया उत्तराखंड सरकार ने भी कुछ डाटा बेस बनाया है, डाटा बेस के हिसाब से प्रोटेक्शन करने की कोशिश की जाती है.