उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

CORONA: IIT रुड़की ने बनाया नैनो-कोटिंग सिस्टम, दोबारा इस्तेमाल हो पाएंगी PPE किट

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच आईआईटी रुड़की ने नया नैनो-कोटिंग सिस्टम विकसित किया है. इस कोटिंग के जरिए फेस मास्क और पीपीई किट का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा.

new nano-coating system
IIT रुड़की ने बनाया नैनो-कोटिंग सिस्टम.

By

Published : Jun 2, 2020, 6:21 PM IST

Updated : Jun 2, 2020, 7:02 PM IST

रुड़की: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच आईआईटी रुड़की ने नया नैनो-कोटिंग सिस्टम विकसित किया है. कोरोना वायरस के खतरे को कम करने और फेस मास्क, पीपीई किट को सुरक्षित करने के लिए नैनो-कोटिंग सिस्टम विकसित किया है. इस कोटिंग सिस्टम के जरिए 10 से 15 मिनट के भीतर ही फेस मास्क और पीपीई किट दोबारा इस्तेमाल करने के लिए तैयार हो जाएंगे. यह कोटिंग सिस्टम स्टैफिलोकॉकस ऑरियस और इशचेरिचिया कोलाई जैसे रोगों में प्रभावशाली है. इस कोटिंग का पीपीई और गाउन पर छिड़काव करने पर कोरोना के प्रसार को भी रोका जा सकेगा.

IIT रुड़की ने बनाया नैनो-कोटिंग सिस्टम.

शोध का नेतृत्व करने वाले जैव प्रौद्योगिकी विभाग और नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र के प्रो. नवीन के मुताबिक स्वास्थ्यकर्मियों के लिए गाउन, ग्लब्स, पीपीई और फेस मास्क की सुरक्षा के लिए नैनो-कोटिंग सिस्टम काफी महत्वपूर्ण है. मास्क में यह नैनो-कोटिंग रोगजनकों के खिलाफ एक्सट्रा प्रोटेक्शन की तरह काम करेगा और वायरस के प्रसार को रोकने में कामयाब होगा.

ये भी पढ़ें:मंत्रियों को नहीं कोरोना जांच की जरुरत, 'खास' को नहीं बस 'आम' को खतरा

इस फॉर्मूला में सिल्वर नैनोपार्टिकल और एंटीमाइक्रोबियल्स भी है जो रोगजनकों के खिलाफ सिनर्जेटिक प्रभाव दिखाते हैं. तीन से अधिक एंटीमाइक्रोबियल्स कंपाउंड्स के संयुक्त प्रभाव का उपयोग कर विकसित हुई नैनो-कोटिंग सिस्टम को किसी भी सतह पर छिड़का जा सकता है. चूंकि इस फॉर्मूला में उपयोग किए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स वायरस को नष्ट करने का काम करते हैं. जिसकी वजह से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी.

Last Updated : Jun 2, 2020, 7:02 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details