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वादा तेरा वादा...IAS दीपक रावत भूले तो 91 वर्षीय संतोषी देवी ने दिलाया याद - Demand for Old Age Pension

91 वर्षीय संतोषी देवी शर्मा हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर बने रैन रैसेरे में रहती हैं. करीब एक साल पहले उत्तराखंड के सबसे एनर्जेटिक और सोशल मीडिया फ्रेंडली IAS दीपक रावत ने उनसे वादा किया था. पेंशन दिलाने का ये वादा दीपक रावत भूल गए तो अब संतोषी देवी ने याद दिलाया है.

Santoshi Devi Old Age Pension
Santoshi Devi Old Age Pension

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Published : Aug 19, 2021, 4:24 PM IST

Updated : Aug 19, 2021, 6:19 PM IST

हरिद्वार:तेज-तर्रारआईएएस दीपक रावत ने भले ही सोशल मीडिया पर अपनी एक धाकड़ अधिकारी के रूप से पहचान बना रखी हो. मगर लाइक, शेयर और फॉलोवर्स की चकाचौंध में वो एक वृद्धा से किया वादा भूल गए. हरिद्वार कुंभ मेलाधिकारी रहे दीपक रावत का भले ही यहां के तबादला हो गया हो लेकिन हरकी पैड़ी पर एक वृद्ध महिला संतोषी देवी शर्मा को आज भी दीपक रावत से आस है.

दरअसल, आईएएस दीपक रावत ने संतोषी देवी शर्मा से वृद्धा पेंशन दिलाने का वादा किया था. एक साल से अधिक समय हो गया, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ. संतोषी देवी यहां गंगा घाट पर बने रैन बसेरे में रह रही हैं. वो थैले बेच कर अपना गुजारा कर रही हैं. संतोषी देवी ने बताया कि करीब एक साल पहले उन्हें दीपक रावत हरकी पैड़ी पर मिले थे. दीपक ने उनसे वादा किया था कि उनकी वृद्धा पेंशन लगवाएंगे. वादा करके दीपक रावत भूल गए. लेकिन उम्मीद पर जिंदा संतोषी देवी को आज भी पेंशन का इंतजार है.

IAS दीपक रावत भूल गए अपना वादा.

91 साल की संतोषी देवी का न तो घर है और न ही कोई रिश्तेदार हैं. अब वह उम्र के आखिरी पड़ाव में हैं. उनको चलने-फिरने में भी काफी परेशानी होती है. उनका कहना है कि अगर वृद्धा पेंशन लग जाती है, तो यह उनके लिए बहुत बड़ा सहारा होता. क्योंकि अब उनसे चला नहीं जाता. उन्होंने बताया कि कई लोग उन पर तरस खाकर भीख देने का प्रयास भी करते हैं, लेकिन वो नहीं लेतीं.

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संतोषी देवी कहती हैं कि उनको मर जाना मंजूर है, लेकिन भीख लेना नहीं. वृद्धा पेंशन मेरा अधिकार है ये मुझे मिलना भी चाहिए. संतोषी देवी शर्मा के साथ रैन बसेरे में रहने वाले साथियों का कहना है कि दीपक रावत को संतोषी देवी से वादा किये एक साल से भी अधिक समय हो गया, लेकिन अभी तक उनकी वृद्धा पेंशन नहीं लग पाई है.

फेसबुक ब्लू टिक सेलिब्रेटी हैं दीपक: दीपक रावत उत्तराखंड के एक तेज-तर्रार आईएएस हैं. वो सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय रहते हैं. फेसबुक ने दीपक रावत को तमाम पोस्ट और वीडियो के आधार पर उन्हें ब्लू टिक दिया है.

फेसबुक पर ऑफिशियल सेलिब्रेटी बनने के बाद अचानक से आईएएस दीपक रावत के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में फॉलोअर्स की संख्या बढ़ गई. दीपक रावत वैसे फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में एक्टिव रहते हैं. उनके पोस्ट वीडियो लाखों लोग देखते हैं और उसे पसंद भी करते हैं. उनकी बेबाकी और कार्य के प्रति सत्यनिष्ठा के लोग कायल हैं.

मसूरी के रहने वाले हैं दीपक रावत: IAS दीपक रावत का जन्म 24 सितंबर 1977 को हुआ था. वो मसूरी के रहने वाले हैं. अपनी खास कार्यशैली के लिए वो काफी चर्चित हैं. उनके प्रशंसकों ने दीपक रावत फैंस क्लब नाम से फेसबुक पेज भी बनाया है.

दीपक रावत ने मसूरी के बार्लोगंज से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ली थी. दिल्ली के हंसराज विवि से उन्होंने हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया. दीपक JNU से MPhil हैं. बताया जाता है कि उच्च शिक्षा के दौरान दीपक रावत की मुलाकात बिहार के होनहार छात्रों से हुई. ये छात्र UPSC की तैयारी कर रहे थे. उनसे प्रभावित होकर इन्होंने भी UPSC की तैयारी शुरू कर दी. शुरुआती दो प्रयास में दीपक रावत का चयन नहीं हुआ. उन्होंने हार नहीं मानी. 2007 में दीपक रावत ने UPSC की परीक्षा पास कर ली. वो उत्तराखंड कैडर से आईएएस अफसर बने.

Last Updated : Aug 19, 2021, 6:19 PM IST

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