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Maha Shivratri 2023: शिव के जयकारों से गूंजी धर्मनगरी, लक्सर और पौड़ी में भी कावड़ियों में दिखा जोश - Dharmanagari resounded with the praises of Shiva

18 फरवरी को देशभर में महाशिवरात्रि मनायी जाएगी. जिसको लेकर उत्तराखंड के हरिद्वार, लक्सर और पौड़ी सहित कई जगहों पर शिवभक्तों में उत्साह देखा जा रहा है. हरकी पैड़ी पर हजारों की संख्या में शिव भक्त गंगाजल लेने के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं, लक्सर में डीजे के धुन पर कांवड़िया नाचते दिखाई दे रहे हैं. पौड़ी जिले के नीलकंठ महादेव मंदिर में भी शिवरात्रि को लेकर पुलिस प्रशासन ने तैयारी कर ली है.

Maha Shivratri
शिव के जयकारों से गूंजी धर्मनगरी

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Published : Feb 17, 2023, 7:06 PM IST

Updated : Feb 17, 2023, 10:29 PM IST

हरिद्वार:महाशिवरात्रि को लेकर धर्मनगरी हरिद्वार में अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हरकी पैड़ी से बड़ी संख्या में कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने-अपने गंतव्य को लौट रहे हैं. शिवरात्रि पर अपने-अपने स्थानों पर मौजूद शिवालयों में भोलेनाथ को गंगाजल चढ़ाने का विशेष महत्व है. शिवरात्रि पर कांवड़िया गंगाजल लेकर कई किलोमीटर लंबा रास्ता तय करके भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं.

हरिद्वार में फाल्गुन और सावन में दो बार कावड़ यात्रा चलती है. इन दिनों फाल्गुन कावड़ यात्रा चल रही है. यहां हजारों की संख्या में पहुंचे शिवभक्त गंगाजल लेकर वापस अपने गंतव्य की ओर लौट रहे हैं. श्रद्धालुओं में महिला, बच्चे और बुजुर्ग सहित सभी वर्गों के लोग शामिल हैं. इन दिनों बोल बम के जयकारों से हरिद्वार का वातावरण गूंज रहा है.

सावन महीने में होने वाली कावड़ यात्रा में लाखों की तादाद में डाक कांवड़िए हरिद्वार पहुंचते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में शारदीय कावड़ यात्रा में भी डाक कांवड़ियों के आने का चलन बढ़ा है. डाक कांवड़िए वाहनों पर साउंड सिस्टम और डीजे लगाकर चलते हैं. इस तरह की कावड़ यात्रा में एक ग्रुप करीब 30 से 50 लोग गंगाजल भरकर एक साथ चलते हैं. इस दौरान रास्ते में शिवभक्त डीजे और गानों पर डांस करते हुए शिव की भक्ति में मगन दिखाई देते हैं.

महाशिवरात्रि यानी भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह का दिन है. महादेव की ससुराल दक्ष नगरी कनखल में महाशिवरात्रि की बड़ी धूम होती है. भोलेनाथ की ससुराल पौराणिक दक्षेश्वर प्रजापति महादेव मंदिर सहित हरिद्वार के सभी शिव मंदिरों में भक्त महादेव का जलाभिषेक करते हैं.

मान्यता है कि पौराणिक नगरी कनखल में भगवान शंकर की ससुराल में स्थापित शिवलिंग दुनिया का पहला शिवलिंग है. यहां पर भगवान शंकर और पार्वती विवाह का विवाह हुआ था, जो दुनिया का पहला विवाह माना जाता है. इस दिन को भक्त महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं. इस दिन दक्षेश्वर महादेव मंदिर में शिव का जलाभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

धार्मिक मान्यता अनुसार आज के दिन जो व्यक्ति दक्षेश्वर महादेव स्थित शिवलिंग का जलाभिषेक करता है, उसे अन्य स्थान पर जल चढ़ाने से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है. महाशिवरात्रि को लेकर पुलिस प्रशासन ने सख्त सुरक्षा के प्रबंध किए हैं. मंदिर प्रबंधन द्वारा भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रबंध किए गए हैं.
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लक्सर में भी महाशिवरात्रि को भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है. बम-बम भोले तथा हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा वातावरण शिवमय हो गया. आसपास और दूरदराज से कांवड़िए बड़ी संख्या में गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान कर रहे हैं. वहीं, कांवड़िए डीजे की धुन पर भजन गाकर थिरकते हुए यात्रा करते दिखाई दे रहे हैं. जगह-जगह कावड़ियों के लिए निशुल्क शिविर लगाकर भंडारा सहित अन्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. बता दें कि 18 फरवरी को महाशिवरात्रि हैं. हरिद्वार हरकी पैड़ी से गंगाजल लेकर शिवभक्त हर साल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अपने घर के पास के शिवालयों में पहुंचते हैं.

महाशिवरात्रि पर्व को लेकर पुलिस प्रशासन ने पौड़ी जिले के नीलकंठ महादेव क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया है. शिवरात्रि पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के उम्मीद है. महाशिवरात्रि को लेकर पूरे क्षेत्र में पुलिस बल तैनात किया गया है. एसएसपी पौड़ी ने नीलकंठ क्षेत्र में व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने कहा मेले के दौरान हर गतिविधि पर तीसरी आंख की नजर रहेगी. नीलकंठ महादेव में बड़ी संख्या में भक्तों की पहुंचने की उम्मीद है.

Last Updated : Feb 17, 2023, 10:29 PM IST

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