हरिद्वार: आपने जीत के जश्न तो बहुत देखे होंगे, लेकिन हार कर भी सबका दिल जीत लेना भारत की हॉकी टीम ने करके दिखाया है. भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया बुधवार 11 अगस्त को आपने घर हरिद्वार के रोशनाबाद पहुंची. यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया.
इस दौरान वंदना कटारिया काफी भावुक हो गई थी. वंदना ने आज जो मुकाम हासिल किया है कि उसके लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है. वंदना कटारिया ने खुद अपने संघर्ष की पूरी दास्तां साझा की. उन्होंने बताया कि आज सब भले ही उनकी तारीफ कर रहे हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था कि जब हम बहनें एक जोड़ी जूते आपस में शेयर करके हॉकी खेला करती थीं.
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वंदना कटारिया ने बताया कि उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वो खेलने के लिए एक जोड़ी जूते खरीद सकें. वंदना कटारिया ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि आज वे इस दुनिया में नहीं हैं. आखिर समय में भी वे अपने पिता को नहीं देख पाईं.
पिता की याद में भावुक हुई ओलंपियन वंदना कटारिया वंदना कटारिया ने बताया कि जब वे टोक्यो से वापस आ रही थीं, तब भी उनके दिमाग में यही चल रहा था कि घर जाके कैसा महसूस करेगी? उनके पिता उनके साथ नहीं होंगे. उनके पिता का वो कमरा जहां वो सोते थे. जिस कुर्सी पर बैठकर वो वंदना से बात करते थे, वो सब खाली दिखाई देगा. वंदना कटारिया ने बताया कि जब भी वो अपने पिता से मिलती थी तो भारत के लिए मेडल की ही बात करते थे.
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वंदना कटारिया ने कहा कि वो अपने पिता के सपने को एक दिन पूरा करेंगी और भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक में एक दिन जरूर मेडल जीतेगी.
वंदना कटारिया ने रचा था इतिहास:बता दें कि भारतीय हॉकी टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया बुधवार को अपने गांव हरिद्वार जिले के रोशनाबाद पहुंचीं. यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की वंदना कटारिया ने अपने नाम एक रिकॉर्ड कायम किया था. वंदना ने एक ही मैच में तीन गोल दागकर इतिहास रचा था. भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपने आखिरी ग्रुप मैच में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हरा दिया था. वंदना ने भारत के लिए चौथे, 17वें और 49वें मिनट पर गोल किया था. इसके अलावा भारत के लिए चौथा गोल नेहा गोयल ने 32वें मिनट पर किया था. बता दें कि वंदना कटारिया भारत की पहली ऐसी महिला बन गई हैं, जिन्होंने ओलंपिक गेम्स में हैट्रिक मारी है.