हरिद्वार: जिले में भारी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. किसानों की बर्बाद का फसलों का जिला प्रशासन आंकलन कर रहा है और किसान मुआवजे की आस में बैठे हुए हैं. किसानों की समस्या को देखते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने हरिद्वार के ग्रामीण इलाकों में झोटा बुग्गी से किसानों की बर्बाद हुई फसलों का मुआयना किया और राज्य सरकार से किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग की. पत्रकारों से बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि बारिश और ओलावृष्टि की वजह से इलाके में काफी तबाही हुई है. सरसों और गेहूं की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं.
बैलगाड़ी पर सवार होकर खेतों में पहुंचे हरदा. ये भी पढ़ें:उत्तराखंडः फर्जी वसीयत के जरिए जमीन हड़पने पर यूपी के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश को 5 साल की कैद
भारी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की काफी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. जिसकी वजह से किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है. किसानों का हाल जानने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद झोटा बुग्गी से ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचे और किसानों की बर्बाद फसलों का मुआयना किया. राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए हरीश रावत ने कहा कि किसानों की इतनी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, मगर सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है. न ही सरकार द्वारा कोई घोषणा की गई है और न ही सरकार का कोई मंत्री-विधायक किसानों का हालचाल जानने पहुंचा है. एक तरफ प्रधानमंत्री बोलते हैं कि किसानों की आय दोगुनी की जाएगी. मगर आज किसान रोने को मजबूर है, क्योंकि किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है.
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वहीं, इससे पहले हरीश रावत ने लक्सर क्षेत्र के दर्जनों गांवों का दौरा किया और वहां के किसानों की बर्बाद हो चुकी फसलों का जायजा लिया. इस दौरान हरदा ने किसानों को दैवीय आपदा व किसान बीमा योजना के तहत मुआवजा दिलाने का आश्वासन भी दिया. हरीश रावत ने कहा कि मैंने अपनी सरकार के वक्त किसानों के लिए दैवीय आपदा में बहुत अच्छे मानक तय किए थे, जिसके तहत वे सरकार के सामने किसानों को राहत एवं मुआवजा दिए जाने की मांग रखेंगे.