हरिद्वारःउत्तराखंड पुलिस लगातार हाईटेक हो रही है. इसी कड़ी में एक कदम ओर बढ़ाया है. शुक्रवार को हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने अत्याधुनिक उपकरणों से लैस सिटी पेट्रोल वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इनमें 10 सिटी/हाईवे पेट्रोल कार और चार बुलेट शामिल हैं.
बता दें कि हरिद्वार भौगोलिक स्थिति के साथ ही अपराध और कानून व्यवस्था की दृष्टि से संवेदनशील जिला है. किसी भी आपराधिक घटना की स्थिति में पुलिस की ओर से तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा की जाती है. इसको देखते हुए अत्याधुनिक संसाधनों से युक्त सिटी पेट्रोल-हाईवे पेट्रोल कार का गठन किया गया है. इसके तहत हरिद्वार जिले को 13 सिटी पेट्रोल/हाईवे पेट्रोल कार और 4 बुलेट आवंटित हुई हैं. इनमें से आज 10 सिटी पेट्रोल कार और चार बुलेट को रवाना किया गया.
हरिद्वार को मिले अत्याधुनिक उपकरणों से लैस सिटी पेट्रोल कार . ये भी पढ़ेंः...तो क्या अवैध है CPU? आरटीआई के तहत मिली चौंकाने वाली जानकारी
हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सिटी पेट्रोल और हाईवे पेट्रोल कारों का मुख्य उद्देश्य सड़क पर चेकिंग के बजाय हाईवे पर किसी भी दुर्घटना के वक्त तत्काल कार्रवाई करने और किसी भी आपराधिक घटना पर तुरंत रिएक्शन करना है. इन कारों में अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं. साथ ही सभी कारों में फर्स्ट एड किट भी मुहैया कराई गई है. ताकि उक्त टीम घटना के वक्त तत्काल कार्रवाई कर सके.
क्या है CPU पुलिस: सीपीयू यानी सिटी पेट्रोलिंग यूनिट. बता दें कि अप्रैल 2014 में तत्कालीन पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू ने पुलिस विभाग में सिटी पेट्रोल यूनिट सीपीयू का गठन किया था. जब इसका गठन किया गया था तो इसकी जिम्मेदारी शहर भर में ट्रैफिक को नियंत्रित करना था. सबसे पहले इसे राजधानी देहरादून में उतारा गया था.
इसके बाद भी ट्रैफिक के हालात तो नहीं सुधरे, लेकिन इनके कंधों पर और जिम्मेदारी दे दी गई. जैसे- अपराध नियंत्रण, महिलाओं से छेड़खानी को रोकना, चेन स्नेचिंग पर लगाम, बिना नंबर प्लेट वाहन या संदिग्ध वाहनों की चेकिंग, अवैध असलहों की चेकिंग और नाकेबंदी में चेकिंग. सीपीयू ने 'नो पार्किंग' में पार्क किए गए वाहनों के खिलाफ भी विशेष अभियान चलाना शुरू किया.
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क्यों बेहद अलग लगती है ये पुलिस: दरअसल, इस पुलिस की ड्रेस काले रंग की है. इनके हाथों में कैमरा और विदेशी स्टाइल में छोटा सा डंडा रहता है. हर गतिविधि को रिकॉर्ड करना, एल्कोमीटर साथ में रखना, ई-चालान बुक के साथ-साथ अत्याधुनिक मोटर साइकिल इनके पास रहती है जिसमें जीपीएस लगा रहता है. ये पूरी वेशभूषा इनकी पहचान बन गई. देहरादून के अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की, उधम सिंह नगर, हल्द्वानी जैसे तराई के क्षेत्रों में इनकी फिलहाल तैनाती की गई है.
विवादों में क्यों है सीपीयू: कांग्रेस सरकार में बनी इस पुलिस का विवादों में नाता रहा है. हरीश रावत सरकार में काशीपुर, रुड़की, हरिद्वार में विवाद हुआ. इसके बाद कई जगहों से इन्हें हटाया गया. वहीं, अलग से सभी व्यवस्था होने के बाद भी स्ट्रीट क्राइम कम नहीं हुआ. इसको लेकर भी पुलिस के बड़े अधिकारी सीपीयू को समय-समय पर फटकार लगाते रहे हैं. इतना ही नहीं, जनता से अच्छे व्यवहार करने की ट्रेनिंग भी पुलिस को मिलती रही है.