हल्द्वानी अतिक्रमण मामले में संतों का बयान हरिद्वार:हल्द्वानी अतिक्रमण (haldwani encroachment) मामले में भले ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दिया है, लेकिन इसको लेकर विवाद अभी भी जारी है. अब हरिद्वार के संत समाज ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. संतों का कहना है कि किसी भी हालत में अवैध कब्जा गलत है. वहीं, उन्होंने कहा देवभूमि में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित (Entry of non Hindus is prohibited in Devbhoomi) होना चाहिए.
हल्द्वानी में रेलवे जमीन पर अतिक्रमण (Encroachment on railway land in Haldwani) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है, लेकिन यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जब इस मामले में हरिद्वार के साधु-संतों की राय ली गई तो उनके सुर कुछ अलग ही नजर आए. महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा उत्तराखंड देवभूमि है. यहां पर रोहिंग्या मुसलमानों का कोई काम नहीं है.
स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा अब ये लोग चारधाम तक पहुंच गए हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिया था कि इन सभी का चिन्हीकरण हो. बावजूद उसके इन लोगों ने सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रखा है. कुछ राजनीतिक लोगों के कारण विशेषकर कांग्रेस ऐसे लोगों को वोट बैंक के कारण प्रोत्साहन दे रही है, जो सरासर गलत है.
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वहीं, विश्व हिन्दू परिषद नेता साध्वी प्राची (Vishwa Hindu Parishad leader Sadhvi Prachi) ने कहा किसी भी संपत्ति पर चाहे किसी का भी अवैध कब्जा हो, वह हटना चाहिए. उत्तराखंड देवभूमि है. ऐसे में देवभूमि में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित करने का मैं शुरू से मांग कर रही हूं. इनका देवभूमि में कोई भी काम नहीं है. मैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग कर चुकी हूं कि कम से कम हरकी पैड़ी के पास करीब 100 किमी तक गैर हिंदू धर्म के लोगों का प्रवेश वर्जित होना चाहिए.
वहीं, महंत ऋषिस्वरानंद का कहना है कि ऋषिकेश में भी इसी तरह का प्रकरण चल रहा है. हाईकोर्ट ने 3 महीने के अंदर राम झूला के पास की कई दुकानों को हटाने के संबंध में नोटिस जारी किया है. बिना जाति धर्म और भेदभाव के सरकार की जितनी भी भूमि अतिक्रमण हुई है, उन्हें मुक्त कराने का अभियान चल रहा है, जिसका हम स्वागत करते हैं. कोर्ट का जो भी फैसला हो वह मान्य है.