हरिद्वार: मुस्लिम फंड के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी मामले में 6 दिन पहले लोगों ने ज्वालापुर कोतवाली पर जमकर हंगामा किया था. जिसके बाद हरिद्वार पुलिस हरकत में आई. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मुस्लिम फंड के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले मुख्य आरोपी अब्दुल रज्जाक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया. एसओजी की टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद और मुखबिर की सूचना पर तीनों आरोपियों को ज्वालापुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. अब पुलिस इन आरोपियों को जेल भेजने की तैयारी कर रही है.
मुस्लिम फंड का धंधा: बता दें कि कोतवाली ज्वालापुर से कुछ दूरी पर ही अब्दुल रज्जाक बीते लंबे समय से मुस्लिम फंड संचालित करने का कारोबार चला रहा था. जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने अपने खाते खुलवाए हुए थे. क्योंकि मुस्लिम समाज में ब्याज की रकम को हराम माना गया है. इसलिए लोग भी इस आरोपी के यहां अपना पैसा और जेवरात जमा करा दिया करते थे. जरूरत पड़ने पर यह लोगों को जेवरात के बदले पैसे भी मुहैया कराता था. गरीब से लेकर अमीर तक इसके यहां समय समय पर पैसा जमा करते रहते थे.
आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज: पिछले कई सालों से यह कारोबार आसानी से संचालित हो रहा था. लेकिन बीते 21 जनवरी को ज्वालापुर क्षेत्र निवासी वसीम ने सबसे पहले कोतवाली ज्वालापुर पुलिस को सूचना दी कि मुस्लिम फंड संचालित करने वाला अब्दुल रज्जाक बीते तीन-चार दिनों से गायब है. उसका कार्यालय भी बंद है. यह खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और सैकड़ों की संख्या में लोग कोतवाली ज्वालापुर पहुंचे और जमकर हंगामा किया. लोगों के हंगामे के बाद एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर पुलिस ने तत्काल तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए.
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SOG सहित 6 टीमों का गठन: मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एसओजी के साथ छह टीमों का गठन किया. उन्होंने पूरे मामले की जांच की. इस दौरान पुलिस की 2 टीम आरोपी अब्दुल रज्जाक और उसके साथियों को तलाशने में भी जुटी रही. शुक्रवार सुबह पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि अब्दुल रज्जाक अपने दो साथियों के साथ ज्वालापुर क्षेत्र में ही आया हुआ है. जिसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को धर दबोचा. अब पुलिस इन सभी को जेल भेजने की तैयारी कर रही है.
संपत्ति की हो रही जांच: बीते 30 साल से मुस्लिम फंड संचालित कर रहे अब्दुल रज्जाक की अब पूरी संपत्ति की जांच करने में पुलिस जुट गई है. न केवल उसके बैंक खातों, बल्कि उसके द्वारा खरीदी गई संपत्ति को भी अब पुलिस खंगाल रही है. ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि आखिर उसने लोगों का कितना पैसा संपत्तियों में लगाया है ?
लालच पड़ा भारी: अब्दुल रज्जाक का यह कारोबार 30 सालों से आराम से संचालित हो रहा था. लेकिन पैसा हड़पने का लालच इस बार उस पर भारी पड़ गया. डोनेशन की एक बड़ी रकम पाने के लिए इन्होंने साढ़े तीन करोड़ रुपए दे दिए थे. साथ ही बंद हो चुके करेंसी को भी बदलने के लिए इन्होंने पैसा दांव पर लगा दिया था.